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कोरोना का लोगों के दिमाग पर इतना नकारात्मक प्रभाव हो गया है कि वह दबाव महसूस कर रहे हैं।


लॉकडाउन में घर में रहकर बार-बार कोरोना की ही खबरें सुनकर उनमें आत्मविश्वास की कमी हुई है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

कोरोना का लोगों के दिमाग पर इतना नकारात्मक प्रभाव हो गया है कि वह दबाव महसूस कर रहे हैं।इससे तनाव बढ़ रहा है। लॉकडाउन में घर में रहकर बार-बार कोरोना की ही खबरें सुनकर उनमें आत्मविश्वास की कमी हुई है।ब्रिटेन में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि लॉकडाउन के दबाव ने युवाओं में सबसे बुरा असर छोड़ा है।आधे से अधिक युवाओं ने स्वीकारा कि वे अपने भीतर आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं। स्किन प्राउड की ओर से 2,000 वयस्कों पर किए गए अध्ययन में पता चला कि 18 से 24 वर्ष के युवाओं में औसतन दस में से चार को लगता है कि लॉकडाउन के बाद से उन्हें थकान लगने लगी और वे ताजगी भरी जिंदगी नहीं जी पा रहे।इसी तरह 37 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे लॉकडाउन से कम आश्वस्त महसूस करते हैं।इस सर्वे में पाया गया है कि लॉकडाउन से पहले ये युवा जो करते थे,अब वैसा नहीं कर पाते।वहीं 35 प्रतिशत से अधिक लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि सोशल मीडिया पर दूसरों की तुलना करने से उनकी मानसिकता में बड़ा बदलाव हुआ है।

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