सिखों के पà¥à¤°à¤¥à¤® गà¥à¤°à¥ और सिख धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ नानक देव जी के 550 वें पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ परà¥à¤µ के अवसर पर तीसरा कीरà¥à¤¤à¤¨ दरबार समागम का आयोजन निरà¥à¤®à¤² संतपà¥à¤°à¤¾ आशà¥à¤°à¤® कनखल में किया गया।
रिपोर्ट - रामेशà¥à¤µà¤° गौड़
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 3 नवंबर। सिखों के पà¥à¤°à¤¥à¤® गà¥à¤°à¥ और सिख धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥ नानक देव जी के 550 वें पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ परà¥à¤µ के अवसर पर तीसरा कीरà¥à¤¤à¤¨ दरबार समागम का आयोजन निरà¥à¤®à¤² संतपà¥à¤°à¤¾ आशà¥à¤°à¤® कनखल में किया गया। जिसमें à¤à¤¾à¤ˆ संतोष सिंह जालंधर वाले और à¤à¤¾à¤ˆ गà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤µà¤• सिंह रंगीला चंडीगढ़ वालों ने शबà¥à¤¦ कीरà¥à¤¤à¤¨ की पावन धारा बहाई। सिख संगत रागियों के शबद कीरà¥à¤¤à¤¨ दरबार में à¤à¥‚म उठी। संतोष सिंह जालंधर वालों के साथ हारमोनियम पर संगत रणजीत सिंह और तबले पर संगत हरविनà¥à¤¦à¤° सिंह ने दी। संतोष सिंह जालंधर वालों ने जपलो सतनाम, परम गà¥à¤°à¥‚नानक दास चरण हà¥à¤¦à¤¯ बसाओ गà¥à¤°à¥‚नानक गà¥à¤£ गाओ शबद कीरà¥à¤¤à¤¨ गाकर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को निहाल कर दिया। सारा पंडाल सतनाम गà¥à¤°à¥‚नानक और वाहेगà¥à¤°à¥‚ से गà¥à¤‚जायमान हो गया। इस अवसर पर निरà¥à¤®à¤² संतपà¥à¤°à¤¾ आशà¥à¤°à¤® और गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ को दीपावली की तरह बिजली की लडियों से सजाया गया था और तीसरे कीरà¥à¤¤à¤¨ दरबार की समापà¥à¤¤à¤¿ पर जमकर आतिशबाजी की गई। और गà¥à¤°à¥‚ के अटूट लंगर का आयोजन किया गया। गà¥à¤°à¥‚गà¥à¤°à¤‚थ साहिब का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ किया गया और कडाह पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बांटा गया। निरà¥à¤®à¤² संतपà¥à¤°à¤¾ आशà¥à¤°à¤® के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महनà¥à¤¤ जगजीत सिंह शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज ने गà¥à¤°à¥‚ की अरदास की। इस अवसर पर महनà¥à¤¤ जगजीत सिंह शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा कि गà¥à¤°à¥‚गà¥à¤°à¤‚थ साहिब में परमातà¥à¤®à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गई वाणी विराजमान है। जो गà¥à¤°à¥‚ओं के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की गई है। गà¥à¤°à¥‚नानक साहिब की वाणी सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ की वरà¥à¤·à¤¾ करती है। गà¥à¤°à¥‚ की वाणी ही जीवन को तार देती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गà¥à¤°à¥‚ का पद ईशà¥à¤µà¤° से ऊपर है। गà¥à¤°à¥‚ के चरणों में वास करने वाला ही परम पद पा सकता है। संगत का असर मानव को संसार रूपी à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार लगा सकता है। गà¥à¤°à¥‚गà¥à¤°à¤‚थ साहिब जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के दाता है। इस मौके पर पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कà¥à¤²à¤¬ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· राजेश शरà¥à¤®à¤¾ ने à¤à¥€ अपने विचार रखे। इस अवसर पर बाबा मोहन सिंह, महनà¥à¤¤ मंजीत सिंह, महनà¥à¤¤ मोहन सिंह à¤à¤œà¤¨à¤—ढ़ वाले, महनà¥à¤¤ बलजिनà¥à¤¦à¤° सिंह ने जालंधर और चंड़ीगढ़ से आठरागियों को शॉल औढाकर और सरोपा à¤à¥‡à¤‚ट कर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। इस मौके पर संत तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨ सिंह, गोविनà¥à¤¦ सिंह, अरà¥à¤œà¥à¤¨ सिंह, गगनदीप सिंह, चेतन शरà¥à¤®à¤¾, सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कौर आदि ने à¤à¤¾à¤— लिया।