जनहित याचिका के माधà¥à¤¯à¤® से इंटरनेट को मौलिक अधिकारों की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में रखने की मांग वाली जनहित याचिका पंजाब-हरियाणा हाईकोरà¥à¤Ÿ ने खारिज कर दी है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
जनहित याचिका के माधà¥à¤¯à¤® से इंटरनेट को मौलिक अधिकारों की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में रखने की मांग वाली जनहित याचिका पंजाब-हरियाणा हाईकोरà¥à¤Ÿ ने खारिज कर दी है। हिसार निवासी लाल बहादà¥à¤° खोवाल ने हाईकोरà¥à¤Ÿ में जनहित याचिका दाखिल करते हà¥à¤ इंटरनेट को मौलिक अधिकार के दायरे में लाने की मांग की थी। याचिका में हरियाणा सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जारी 29 व 30 जनवरी के नोटिफिकेशन को आधार बनाया गया है। याची ने कहा कि इन नोटिफिकेशन के माधà¥à¤¯à¤® से हरियाणा सरकार ने कà¥à¤› जिलों में मोबाइल इंटरनेट की सेवा को ठप कर दिया था। याची ने कहा कि आज के यà¥à¤— में सब कà¥à¤› डिजिटल हो चà¥à¤•à¤¾ है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की पढ़ाई हो या सरकारी सेवाà¤à¤‚ हर जगह इंटरनेट बेहद जरूरी हो चà¥à¤•à¤¾ है। कोरà¥à¤Ÿ की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ हो या मॉल में डिजिटल à¤à¥à¤—तान हर जगह इंटरनेट जरूरी है। à¤à¤¸à¥‡ में इसे बंद करने से हर वरà¥à¤— के लोगों को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ होता है। सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ यह हो गई है कि इंटरनेट बंद होने की वजह से सामानà¥à¤¯ आदमी के लिठजीना à¤à¥€ दूà¤à¤° हो गया है।याची ने अपनी दलीलों के समरà¥à¤¥à¤¨ में गृह मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के 24 मारà¥à¤š 2020 के आदेश का à¤à¥€ हवाला दिया, जिसमें इंटरनेट सेवा को आवशà¥à¤¯à¤• माना गया था।हाईकोरà¥à¤Ÿ ने याची की दलील से असहमति जताते हà¥à¤ याचिका को निराधार बताकर खारिज कर दिया।