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एक सप्ताह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी सभी लापता लोगों का पता नहीं लगाया : भाजपा विधायक


चमोली में आयी आपदा में लापता लोगों की जल्द से जल्द तलाश की जाए। एक सप्ताह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी सभी लापता लोगों का पता नहीं लगाया जा सका है। परिजन अपनों की तलाश में भटक रहे हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 18 फरवरी। पूर्व सांसद व यूपी की मीरापुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने कहा कि चमोली में आयी आपदा में लापता लोगों की जल्द से जल्द तलाश की जाए। एक सप्ताह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी सभी लापता लोगों का पता नहीं लगाया जा सका है। परिजन अपनों की तलाश में भटक रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निर्देश पर आपदा क्षेत्र का दौरा कर लौटे अवतार सिंह भड़ाना ने कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की कई एजेंसियां आपदा में लापता हुए लोगों की तलाश कर रही हैं। लेकिन अब तक लापता लोगों का सही आंकड़ा भी सामने नहीं आ पाया है। सरकार दो सौ से कुछ अधिक लोगों के लापता होने की बात कह रही है। जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पशुओं के लिए चारा आदि लेने गए कई स्थानीय लोग भी बाढ़ आने के बाद से लापता हैं। उनका अब तक कुछ पता नहीं लग पा रहा है। भड़ाना ने कहा कि यदि समय रहते युद्ध स्तर पर बचाव व राहत कार्य किए गए होते तो जनहानि कम होती। लेकिन सरकारी एजेंसियों ने धीमी गति से कार्य किया। जिससे अब तक भी लापता हुए लोगों के विषय में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। आपदा में अपने परिजनों को खो चुके परिवार मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। प्रोजेक्ट में काम कर रही कंपनियां लापता हुए अपने कर्मचारियों के परिवारों की मदद करने के बजाए उन्हें वहां से चले जाने के लिए कह रही हैं। जो कि बेहद शर्मनाक है। कंपनियों के साथ सरकार भी पीड़ितों की अनदेखी कर रही है। प्रोजेक्ट कंपनियां प्रभावितों को 50 लाख तथा केंद्र व राज्य सरकार 10-10 लाख रूपए की मुआवजा राशि तत्काल मुहैया कराए। साथ ही प्रभावित परिवारों के पुर्नवास की व्यवस्था की जाए। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द ब्रह्मचारी महाराज के शिष्य स्वामी रामानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि आपदा आने के तुरंत बाद से ही पीड़ितों की मदद में जुटे शंकराचार्य मठ की ओर से आगे भी सभी परिवारों की पूरी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार का दायित्व है कि तपोवन रैनी आपदा पीड़ितों की युद्ध स्तर पर मदद करे।

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