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चमोली जिलाधिकारी ने ली जिला योजना की समीक्षा बैठक


जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की समीक्षा बैठक ली।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 19 फरवरी,2021, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने जिला योजना के अन्तर्गत संचालित विकास कार्यो की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा करते हुए 10 मार्च तक निर्माण कार्यो को गुणवत्ता के साथ पूरा करते हुए शतप्रतिशत धनराशि व्यय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने लोनिवि, आरडब्लूडी, लघु सिंचाई, सिचाई सहित सभी निर्माणदायी संस्थाओं को जिला योजना के अन्तर्गत संचालित निर्माण कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि जो योजनाए पूर्ण हो चुकी है उनकी शीघ्र यूसी, एमबी तथा फोटो सहित पूरी आख्या उपलब्ध करें और हर हाल में 10 मार्च तक सभी कार्यो को पूर्ण करते हुए अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिश व्यय करना सुनिश्चित करें। वही कृषि, उद्यान, उद्योग, रेशम, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य विभागों को स्वरोजगार योजनाओं के तहत चिन्हित लाभार्थियों को शीघ्र लाभान्वित करने के निर्देश दिए। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन विभागों को वित्तीय प्रगति के साथ निमार्ण कार्यो का भौतिक सत्यापन भी करने को कहा। समीक्षा बैठक के दौरान जिला युवा कल्याण अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने संबधित अधिकारी का वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सीएम घोषणाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। सीएम घोषणाओं के तहत लोनिवि के खंड स्तर पर लंबित सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी प्रकरण खंड स्तर व जिला स्तर पर लंबित न रहे। सीमए घोषणा के तहत यदि किसी निर्माण कार्य में कोई विवाद या समस्या हो तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्रवासियों की सहमति से शीघ्र समाधान करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने रेखीय विभागों को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत लाभान्वित किए गए लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी ने आनंद सिंह जंगपागी बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला योजना के अंतर्गत 49 करोड़ 43 लाख रुपये के सापेक्ष विभागों द्वारा वर्तमान तक 86.16 प्रतिशत धनराशि व्यय कर ली गई है। लोनिवि को अवमुक्त 390 लाख के सापेक्ष 61.62 प्रतिशत, पेयजल ने 96.10 प्रतिशत, जल संस्थान ने 86.94 प्रतिशत, केदारनाथ वन प्रभाग ने 56.25 प्रतिशत, कृषि ने 71 प्रतिशत, उद्यान ने 87 प्रतिशत, पशुपालन ने 78 प्रतिशत, मत्स्य ने 79.81 प्रतिशत, डेरी ने 85.32 प्रतिशत धनराशि व्यक्त की गई। जबकि पर्यटन, सहकारिता, सेवायोजन, संस्कृति, आयुर्वेद, होम्योपैथिक, शिक्षा, नलकूप आदि विभागों ने शतप्रतिशत धनराशि व्यय की गई है।

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