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जूूना अखाड़े में तीन पदों की गयी पुकार,आचार्य महामण्डलेष्वर ने करायी प्रतिज्ञा


नागा सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े की पंच दशनाम जूना अखाड़े के पंच परमेश्वर के आगमन के साथ ही कुम्भ मेले का आगाज हो गया है। अखाड़े में विभिन्न पदों पर पुकार का सिलसिला भी शुरू हो गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। नागा सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े की पंच दशनाम जूना अखाड़े के पंच परमेश्वर के आगमन के साथ ही कुम्भ मेले का आगाज हो गया है। अखाड़े में विभिन्न पदों पर पुकार का सिलसिला भी शुरू हो गया। शनिवार को मायादेवी मन्दिर प्रांगण में स्थित श्री दत्तात्रेय चरण पादुका पर आचार्य महामण्डलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज के सानिध्य तथा अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के निर्देशन में तीन पदो पर पुकार की गयी। श्रीमहंत मछन्दरपुरी ने सचिव पद पर श्रीमहंत गणपत गिरि के नाम की पुकार की । पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहनगिरि महाराज ने रमता पंच के श्रीमहंत पद पर आनंदपुरी महाराज की,अष्टकौशल महंत के पद पर भोलापुरी महाराज के नाम की घोषणा करते हुए दत्तात्रेय चरण पादुका पर पुकार की। आचार्य महामण्डलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज ने नव निर्वाचित पदाधिकारियों का माल्यापर्ण कर आर्शीवाद दिया तथा अखाडे की उन्नति,प्रगति,गरिमा व सम्मान बढ़ाने के लिए निरन्तर निष्ठापूर्वक कार्य करने की प्रतिज्ञा करायी। संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि तीनों नवनिर्वाचित पदाधिकारी उर्जावान तथा निष्ठावान है,इनके निर्देशन में अखाड़ा निश्चित रूप से प्रगति करेगा। अखाड़े के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती ने सभी पदाधिकारियों को आर्शीवाद देते हुए कहा कि इनके कार्यकाल में कुम्भ मेला 2021 तो सफलता पूर्वक सम्पन्न होगा ही,अखाड़े की उन्नति व विकास में भी यह नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। जिससे हमारी युवा प्रीढी पे्ररणा प्राप्त करेगी। अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी के सहयोग से अखाड़ा विकास करे,इसका निरन्तर प्रयास करते रहना होगा। इस अवसर पर अन्र्तराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि,सचिव श्रीमहंत महेशपुरी,श्रीमहंत मोहन भारती,पूर्व सभापति श्रीमहंत उमाशंकर भारती,श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि,श्रीमहंत हीरापुरी,श्रीमहंत भगीरथपुरी,श्रीमहंत केदारपुरी,श्रीमहंत वेदव्यासपुरी,श्रीमहंत देवेन्द्र पुरी,कोठारी महादेवानंद गिरि,थानापति नीलकंठ गिरि,रणधीर गिरि,आजाद भारती,विवेकपुरी,विमलागिरि आदि मौजूद थे।

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