वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनने के लिठमानवीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को अपनाना आवशà¥à¤¯à¤•- सतà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
01 मारà¥à¤š, 2021ः ‘‘यदि हम वासà¥à¤¤à¤µ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहलाना चाहते हैं तो हमें मानवीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को अपनाना होगा। इसके विपरीत यदि कोई à¤à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ मन में आती है तो हमें सà¥à¤µà¤¯à¤‚ का मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन करना होगा और सूकà¥à¤·à¥à¤® दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से मन के तराजू़ में तोलकर उसे देखना होगा। à¤à¤¸à¤¾ करने से हमें यह à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होगा कि हम कहां पर गलत हैं।’’ यह पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ विचार निरंकारी सतà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज ने 28 फरवरी, 2021 को महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के 54वें पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• निरंकारी सनà¥à¤¤ समागम के समापन पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किà¤à¥¤ सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी ने कहा कि यथारà¥à¤¥ मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनने के लिठहमें हर किसी के साथ पà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°, सबके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सहानà¥à¤à¥‚ति, उदार à¤à¤µà¤‚ विशाल होकर दूसरे के अवगà¥à¤£à¥‹à¤‚ को अनदेखा करते हà¥à¤ उनके गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को गà¥à¤°à¤¹à¤£ करना होगा। सबको समदृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखते हà¥à¤ à¤à¤µà¤‚ आतà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से यà¥à¤•à¥à¤¤ होकर दूसरों के दà¥à¤– को à¤à¥€ अपने दà¥à¤– के समान मानना होगा। इसके साथ ही और à¤à¥€ जो मानवीय गà¥à¤£ हैं उनको à¤à¥€ धारण करने से जीवन सà¥à¤–मयी वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ होगा। माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी ने आगे कहा कि - मनà¥à¤·à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को धारà¥à¤®à¤¿à¤• कहता है और अपने ही धरà¥à¤® के गà¥à¤°à¥-पीर-पैगमà¥à¤¬à¤°à¥‹à¤‚ के वचनों का पालन करने का दावा à¤à¥€ करता है। परंतॠवासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ तो यही है कि आपकी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ कहीं पर à¤à¥€ हो, हर à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मानवता को ही सचà¥à¤šà¤¾ धरà¥à¤® बताया गया है और ईशà¥à¤µà¤° के साथ नाता जोड़कर अपना जीवन सारà¥à¤¥à¤• बनाने की सिखलाई दी गई है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन बड़ा ही अनमोल है और पà¥à¤°à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठउमà¥à¤° का कोई तकाज़ा नहीं होता। किसी à¤à¥€ उमà¥à¤° का मनà¥à¤·à¥à¤¯ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ सनà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ पाकर कà¥à¤·à¤£à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤°à¤à¥-परमातà¥à¤®à¤¾ की पहचान कर सकता है। यह तीन दिवसीय संत समागम इस वरà¥à¤· वरà¥à¤šà¥à¤…ल रूप ;अपतजनंसदà¥à¤§ में आयोजित किया गया जिसका सीधा पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ निरंकारी मिशन की वेबसाईट ;ूमइेपजमदà¥à¤§ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¤¾à¤° टी.वी. चैनल ;जà¥à¤Ÿ बींददमसदà¥à¤§ के माधà¥à¤¯à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हà¥à¤†à¥¤ समसà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· तथा विदेशों में लाखों निरंकारी à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के अतिरिकà¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ सजà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ ने घर बैठे इस सनà¥à¤¤ समागम का à¤à¤°à¤ªà¥‚र आनंद पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। समागम के पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी ने अपनी दिवà¥à¤¯ वाणी में फरमाया कि ईशà¥à¤µà¤° को हम किसी à¤à¥€ नाम से समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करे वह तो सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ है और हर किसी की आतà¥à¤®à¤¾ इस निराकार परमातà¥à¤®à¤¾ का ही अंश है। सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की पहचान के लिठपरमातà¥à¤®à¤¾ की पहचान ज़रूरी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤à¥‚ति से ही आतà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤à¥‚ति समà¥à¤à¤µ है। सà¥à¤¥à¤¿à¤° परमातà¥à¤®à¤¾ से जीवन में सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾, शानà¥à¤¤à¤¿ और सनà¥à¤¤à¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ जैसे दिवà¥à¤¯ गà¥à¤£ आते हैं। परमातà¥à¤®à¤¾ पूरे बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ का करà¥à¤¤à¤¾ है इसकी अनà¥à¤à¥‚ति हर कारà¥à¤¯ को सहजता से सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने की अनà¥à¤à¥‚ति देती है। परमातà¥à¤®à¤¾ का आधार लेने से जीवन में उथल-पà¥à¤¥à¤² सनà¥à¤¤à¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो जाती है। सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता जी ने आगे कहा कि - अपने दैनिक जीवन में हर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का आकलन करने के लिठà¤à¤µà¤‚ उचित ढंग से शरीर का संचालन करने के लिठजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤‚दà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का उपयोग करना है और इन इंदà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अधीन नहीं रहना हैं। इसी पर हमारे मन का करà¥à¤® निरà¥à¤à¤° करता है। यदि इंदà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हमारे नियंतà¥à¤°à¤£ में है तब हम उनका उचित सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— कर पाते हैं इसलिठहमें इंदà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में उलà¤à¤¨à¤¾ नहीं है अपितॠउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने नियंतà¥à¤°à¤£ में रखना है। सेवादल रैली समागम के दूसरे दिन का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ सेवादल रैली दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया जिसमें महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤‚तों से आठसेवादल के à¤à¤¾à¤ˆ-बहनों ने à¤à¤¾à¤— लिया। इस रैली में शारीरिक वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® के अतिरिकà¥à¤¤ खेलकूद तथा मलखमà¥à¤¬ जैसे साहसी करतब दिखाठगà¤à¥¤ साथ ही साथ मिशन की सिखलाई पर आधारित लघॠनाटिकायें à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की गई। सेवादल रैली में अपना आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता जी ने कहा कि - सारी मानवता को अपना परिवार मानते हà¥à¤, अहंकार को तà¥à¤¯à¤¾à¤—कर, समय की ज़रूरत के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में रहकर मिशन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से सेवा का योगदान दिया जा रहा है। सेवा करते हà¥à¤, हर किसी को पà¥à¤°à¤à¥ का अंश मानकर उसकी सेवा करनी चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मानव सेवा परमातà¥à¤®à¤¾ की ही सेवा है। जो मिशन की अहम सिखलाई हैय - नर सेवा, नरायण पूजा। दूसरे दिन शाम के सतà¥à¤¸à¤‚ग समारोह को संबोधित करते हà¥à¤ सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता जी ने कहा कि जीवन में सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ लाने के लिठचेतनता à¤à¤µà¤‚ विवेक की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है और इसके लिठयह जरूरी है कि हम परमातà¥à¤®à¤¾ को अपने हृदय में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दें, तब मन सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही निरà¥à¤®à¤² हो जाता है। किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के नकारातà¥à¤®à¤• à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नहीं रहता, जब परमातà¥à¤®à¤¾ हृदय के रोम-रोम में बसा हो। आगे माता जी ने कहा कि - पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ सनà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ यही कहा है कि इस ईशà¥à¤µà¤° को खà¥à¤²à¥€ आà¤à¤–ों से देखा जा सकता है। परमातà¥à¤®à¤¾ के दरà¥à¤¶à¤¨ से हमें सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की à¤à¥€ पहचान हो जाती है कि हम शरीर न होकर आतà¥à¤®à¤¾ रूप में है। यà¥à¤—ों यà¥à¤—ों से सनà¥à¤¤à¥‹à¤‚, à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने यही कहा है कि परमातà¥à¤®à¤¾ से नाता जोड़कर; à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के पथ पर चलने से ही जीवन का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ हो सकता है और हमारी आतà¥à¤®à¤¾ बंधन मà¥à¤•à¥à¤¤ होकर मोकà¥à¤· को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकती है। कवि दरबार समागम के तीसरे दिन का मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ à¤à¤• बहà¥à¤à¤¾à¤·à¥€ कवि दरबार रहा। जिसका शीरà¥à¤·à¤• ‘सà¥à¤¥à¤¿à¤° से नाता जोड़ के मन का, जीवन को हम सहज बनायें’ था। इस विषय पर आधारित कई कवियों ने अपनी कवितायें मराठी, हिंदी, सिंधी, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€, पंजाबी à¤à¤µà¤‚ à¤à¥‹à¤œà¤ªà¥à¤°à¥€ आदि à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की। समागम के तीनों दिन महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से तथा आसपास के राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ देश-विदेशों से à¤à¥€ संतों ने समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होकर अपने à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। इसके अतिरिकà¥à¤¤ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ अवतार बाणी à¤à¤µà¤‚ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ हरदेव बाणी के पावन शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के कीरà¥à¤¤à¤¨ से तथा पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ सनà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की रबà¥à¤¬à¥€ बाणियों à¤à¤µà¤‚ मिशन के गीतकारों की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤£ रचनाओं की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मिशन की विचारधारा पर आधारित सारगरà¥à¤à¤¿à¤¤ सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया गया।