à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨. पी.जी. काॅलेज में आज राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ दिवस तथा मौलाना अबà¥à¤² कलाम आजाद के जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ के अवसर पर à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट -
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 11 नवमà¥à¤¬à¤°, 2019 । à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨. पी.जी. काॅलेज में आज राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ दिवस तथा मौलाना अबà¥à¤² कलाम आजाद के जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ के अवसर पर à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया गया। इस अवसर पर काॅलेज के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डाॅ. सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾ ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ दिवस की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾ देते हà¥à¤ मौलाना अबà¥à¤² कलाम आजाद के शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ उदà¥à¤§à¥ƒà¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि दिल से दी गयी शिकà¥à¤·à¤¾ समाज में कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ ला सकती है, उनके ये विचार आज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हैं। डाॅ. बतà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ समाज से ही शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो सकता है। शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ समाज में नवीन चिंतन, नवीन जà¥à¤žà¤¾à¤¨, नवीन तकनीक का उदय होता है जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को तीवà¥à¤° गति से आगे बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है। मौलाना आजाद देश के पहले शिकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ थे। मौलाना आजाद ने शिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय योगदान दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उस समय देश में यू.जी.सी., आई.आई.à¤à¤®. तथा आई.आई.टी जैसे संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की नींव रखी। सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• सौहारà¥à¤¦ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वरà¥à¤· 1912 में à¤à¤• सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ निकालना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ‘इंडिया विंस फà¥à¤°à¥€à¤¡à¤®â€™ नामक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• 1957 में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ की। डाॅ. बतà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि मौलाना कलाम आजाद के शिकà¥à¤·à¤¾ में दिये गये योगदानों को देखते हà¥à¤ 1992 में उनको ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤-रतà¥à¤¨â€™ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। उनके जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नेशनल à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ डे के तौर पर मनाया जाता है। डाॅ. बतà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि वे परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¿à¤¤ थे इसलिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा था कि फल-फूलों के पेड़-पौधे बहà¥à¤¤ लोग लगाते हैं, यह आवशà¥à¤¯à¤• नहीं कि उनके फल à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उपलबà¥à¤§ हों, लेकिन यह आने वाली पीà¥à¥€ को अवशà¥à¤¯ ही संजीवनी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं। सफल संचालन कर रहे अधिषà¥à¤ ाता छातà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ डाॅ. संजय कà¥à¤®à¤¾à¤° माहेशà¥à¤µà¤°à¥€ ने कहा कि मौलाना अबà¥à¤² कलाम आजाद उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ-साथ देश के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ को à¤à¥€ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानते थे। इस अवसर पर डाॅ. नलिनी जैन, विनय थपलियाल, विनीत सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾, डाॅ. पदमावती तनेजा, सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¿ चोपड़ा, नेहा सिदà¥à¤¦à¤•à¥€, डाॅ. पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ जोशी, पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ लखेड़ा, रचना राणा सहित कालेज के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾ दिवà¥à¤¯à¤¾ धीमान, सà¥à¤·à¤®à¤¾, वरà¥à¤·à¤¾, रूचि, दलजीत कौर, शालिनी, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿, वैषà¥à¤£à¤µà¥€, शिवानी, संजना, नैंसी, मेघा, सोहित, काजल, पà¥à¤°à¤¿à¤‚स, à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤²à¤•à¥à¤·à¥à¤®à¥€, अनà¥à¤•à¥‚ल, सागर, सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त, हरà¥à¤· कà¥à¤®à¤¾à¤°, उजà¥à¤œà¤µà¤², विषà¥à¤£à¥, अà¤à¥€ शरà¥à¤®à¤¾, सचिन गैरोला, दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚श शरà¥à¤®à¤¾, विशाल, जूही पालीवाल, अनà¥à¤°à¤¾à¤—, मà¥à¤•à¥‡à¤¶ à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ, तà¥à¤·à¤¾à¤° सैनी, ललित कà¥à¤®à¤¾à¤°, सà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤¾ आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।