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कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार हर की पौड़ी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


सुबह से ही ट्रेन बस एवं अपने निजी वाहनों के माध्यम से लोग कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने के लिए लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे एवं हर की पौड़ी पर जाकर माँ गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाई बताते हैं

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर की पौड़ी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ | आज सुबह से ही ट्रेन बस एवं अपने निजी वाहनों के माध्यम से लोग कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने के लिए लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे एवं हर की पौड़ी पर जाकर माँ गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाई बताते हैं कि देशभर में कार्तिक पूर्णिमा का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पूरा महीना भगवान विष्णु को प्रिय होता है इस दिन गंगा स्नान करने का बड़ा महत्व है | ऐसा माना जाता है कि गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है | स्नान के अलावा भी दान करना भी शुभ माना जाता है इसे दीपदान पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है इस दिन तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं का ताता लग जाता है | इस दिन गंगा स्नान करने से बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है और काया निरोगी हो जाती है कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के स्नान व दीपदान करने से पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है इसलिए लोग गंगा किनारे दीपदान करते हैं इस स्नान पर्व पर हरिद्वार में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं जिससे किसी यात्री के साथ कोई दुर्घटना ना हो जाए रेलवे स्टेशन से लेकर इस स्नान घाटों तक पुलिस का पहरा रहता है उन्हीं के निर्देशानुसार यात्री घाटों तक पहुंचते हैं और स्नान करने के बाद अपने अपने गंतव्य को वापस हो जाते हैं कार्तिक स्नान की पुराणों में बड़ी महिमा कही गई है कार्तिक पूर्णिमा का स्नान, व्रत, तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है | स्कन्ध पुराण के अनुसार कार्तिक मास में किया गया स्नान, व्रत भगवान विष्णु की पूजा के सामान कहा गया है इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप नष्ट होते है इस दिन किए जाने वाले अन्न,धन व वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है इस दिन जो भी दान किया जाता है उसका कई गुना फल मिलता है यह भी बताया जाता है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु लोग त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे प्राप्त होता है l

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