à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨, संविधान निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ बाबा साहेब डॉ. à¤à¥€à¤®à¤°à¤¾à¤µ अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° की 130वीं जयंती को जनपद गà¥à¤µà¤¾à¤² में हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाया गया।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
पौड़ी/दिनांक 14 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2021, à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨, संविधान निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ बाबा साहेब डॉ. à¤à¥€à¤®à¤°à¤¾à¤µ अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° की 130वीं जयंती को जनपद गà¥à¤µà¤¾à¤² में हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाया गया। डॉ. à¤à¥€à¤®à¤°à¤¾à¤µ अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ सà¥à¤¥à¤² परिसर पौड़ी में जिलाधिकारी गà¥à¤µà¤¾à¤² डॉ0 विजय कà¥à¤®à¤¾à¤° जोगदणà¥à¤¡à¥‡ ने आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में शिरकत करते हà¥à¤, दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर तथा बाबा साहेब को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤, उनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकिया। इस मौके पर जनपद के अनà¥à¤¯ गणमानà¥à¤¯ ने à¤à¥€ आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में शिरकत कर बाबा साहेब की मूरà¥à¤¤à¤¿ पर पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾à¤œà¤‚लि à¤à¤µà¤‚ मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ किया। कोविड 19 की नियमावली को दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—त रखते हà¥à¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का सफल संचालन किया गया। आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को संबोधित करते हà¥à¤ जिलाधिकारी डा0 जोगदणà¥à¤¡à¥‡ कहा कि 14 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 1891 में जनà¥à¤®à¥‡ बाबा साहेब की इस साल 130वीं जयंती मनाई जा रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश से जाति पà¥à¤°à¤¥à¤¾ और समाज में कà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को खतà¥à¤® करने में अहम à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ थी, उनका मानना था कि सà¤à¥€ जाति के लोगों को à¤à¤• जैसा अधिकार मिलना चाहिठताकि आगे चलकर किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ ना हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने जीवन काल में कई महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ आंदोलनों में à¤à¥€ हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया। à¤à¤• दलित परिवार से आने वाले बी.आर. अंबेडकर ने अपने जीवन में बहà¥à¤¤ यातनाà¤à¤‚ à¤à¥‡à¤²à¥€à¤‚ लेकिन कà¤à¥€ किसी कमजोर का साथ नहीं छोड़ा, जिसके लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आज à¤à¥€ उतने ही आदर और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ याद किया जाता है। कहा कि आज के दिन देश के साथ साथ विदेशों में à¤à¥€ उनकी जयंती को उतà¥à¤¸à¤µ के रूप में मनाया जाता है बाबा साहेब ने सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप से दलितों के साथ-साथ हमारे समाज के अधिकारहीन वरà¥à¤— के लिठà¤à¥€ कारà¥à¤¯ किया और उनके अधिकारों के लिठलड़े। वे à¤à¤• राजनीतिक नेता, कानूनविद, शिकà¥à¤·à¤•, अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ थे। डा0 अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° वैशà¥à¤µà¤¿à¤• यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ बन गये कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ उनके नाम के साथ बीà¤, à¤à¤®à¤, à¤à¤®à¤à¤¸à¤¸à¥€, पीà¤à¤šà¤¡à¥€, बैरिसà¥à¤Ÿà¤°, डी.à¤à¤¸à¤¸à¥€, डी.लिट की मानद आदि कà¥à¤² 26 उपाधियां जà¥à¤¡à¥€ थी। सामाजिक कारà¥à¤¯ में उनकी सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤¾à¤—ीदारी के कारण लोगों ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ‘बाबा साहेब’ के नाम से संबोधित करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान को तैयार करने में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ इसीलिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान का रचयिता à¤à¥€ कहा जाता हैं। उस समय à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान में सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ आरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ थी, जिसका मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ समाज के कमजोर वरà¥à¤— और उनकी जीवनशैली में सà¥à¤§à¤¾à¤° के साथ-साथ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आगे उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की ओर ले जाना था।