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उषा ब्रेको मनसा देवी की लीज बढ़ाने पर नगर निगम की मेयर और भाजपा पार्षदों पर भी पर उठ रहे हैं सवाल


नगर निगम बोर्ड की उषा ब्रेको कंपनी के साथ मनसा देवी मंदिर मार्ग पर रोप-वे संचालित करने को लेकर जो लीज डील हुई है उसने कोरोना काल में सुस्त राजनीति में उबाल ला दिया है।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¥à¤¨ मणि डोभाल की कलम से

हरिद्वार 16 मई वाह अशोक भाई वाह वो तो शुक्र है भगवान का कि स्लेज फार्म की जमीन भारत सरकार को पहले ही हस्तांतरित हो चुकी है , नहीं तो वह भी इसी तरह लुट जाती जैसे आज उषा ब्रेको के साथ आपका मुक्त कंठ से समर्पण दिखा । अब आज हुई इस नई डील के बाद अब कौन सा नया होटल बनाने की तैयारी है। विकास तिवारी जिला महामंत्री भाजपा हरिद्वार। डील उषा ब्रेको में संलिप्त भाजपा पार्षदों की भूमिका की जांच होगी। नगर निगम बोर्ड की उषा ब्रेको कंपनी के साथ मनसा देवी मंदिर मार्ग पर रोप-वे संचालित करने को लेकर जो लीज डील हुई है उसने कोरोना काल में सुस्त राजनीति में उबाल ला दिया है। घनघोर मंदी में करोड़ों की इस 30 साल की लीज डील पर भाजपा के जिला महामंत्री विकास तिवारी ने महापौर अनिता शर्मा के पति अशोक शर्मा के सम्मान में अपने फेसबुक पर उपरोक्त पांच लाइनें लिखीं हैं जो अक्षरशः उतारी गई हैं। अशोक शर्मा नगर निगम बोर्ड का सदस्य नहीं हैं और बोर्ड की बैठक में भी भाग नहीं लेते हैं। भाजपा महामंत्री ने इस लीज डील के लिए एकतरफा अशोक शर्मा की राजनीतिक ताजपोशी की है। जबकि नगर निगम बोर्ड में बहुमत भाजपा के पार्षदों का है और वही तय करते हैं कि बोर्ड को क्या करना है और क्या नहीं करना है। अशोक शर्मा कुछ कर सकते हैं लेकिन बोर्ड को क्या करना है यह वह तय नहीं कर सकते हैं। वह तो एक सफाई कर्मचारी की एक गली से दूसरी गली नहीं बदलवा सकते हैं। भाजपा जिला महामंत्री विकास तिवारी इतने ना समझ भी नहीं है कि अशोक शर्मा के साथ बोर्ड के अंदर पार्षदों की संख्या कितनी है। इसके बावजूद उन्होंने एकतरफा हमला बोल कर इस संदेश को जन्म दिया है कि डील में उनका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसी चाहत भी हो तो उन्हें भाजपा पार्षद दल के नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए था। उनकी फेसबुक पोस्ट आगे बढ़ाने से पहले मैंने विकास तिवारी से बात की और भाजपा पार्षदों की बोर्ड में लीज डील पर क्या स्थिति थी क्योंकि उनके समर्थन के बिना तो लीज डील हो ही नहीं सकती थी। अशोक शर्मा चाहे जितनी भी कोशिश करते भाजपा के समर्थन के बिना करोड़ों की डील संभव ही नहीं थी। भाजपा जिला महामंत्री विकास तिवारी ने इस बात को स्वीकार भी किया है। भाजपा क्या उषा ब्रेको का काजल लगा कर आंखें बड़ी दिखाने की कोशिश कर रहे पार्षदों को बाहर का रास्ता दिखाएंगी और शासन से नगर निगम द्वारा की गई लीज डील को निरस्त कराएगी। इस पर उन्होंने कहा कि अवश्य ही पार्टी अपने पार्षदों की संलिप्तता की जांच करेगी तथा उनके जानकारी लेगी। उषा ब्रेको कंपनी के चांदी के जूते में इतना दम था कि पार्षद अपने एक साथी पार्षद की एक दिन पहले ही कोरोना से हुई मृत्यु पर शोक व्यक्त उनको सम्मान देने के लिए एक दिन के लिए बोर्ड का अधिवेशन स्थगित करने के लिए भी तैयार नहीं हुए। हालांकि एक दो पार्षद इस पक्ष में थे कि पार्षद की मृत्यु पर शोक व्यक्त करने के बाद अधिवेशन अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया जाए। भाजपा पार्षद अनिल वशिष्ठ ने कोशिश भी की लेकिन भाजपा के पार्षद तैयार नहीं हुए। इसका कारण यह बताया गया है कि उषा ब्रेको कंपनी के प्रेसीडेंट हरिद्वार के ही लीज डील को अपने सामने ही पास कराकर जाना चाहते थे। उनके कीमती समय को ध्यान में रखते हुए भाजपा पार्षदों ने मृतक पार्षद के शोक में अधिवेशन अगले दिन तक के लिए स्थगित करने की बात को भी टाल दिया। कंपनी के प्रेसीडेंट अधिवेशन में न केवल उपस्थित रहे बल्कि उन्होंने लीज प्रस्ताव पर हस्तक्षेप भी किया। नगर निगम बोर्ड में एक सांसद जो केंद्रीय शिक्षा मंत्री हैं तथा दो विधायक भी पदेन सदस्य हैं। मदन कौशिक विधायक के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। बिना उनकी सहमति के करोड़ों की लीज डील संभव नहीं थी। वह भी तब जब कंपनी 123 करोड़ रुपया बकाया है। जिसके खिलाफ उसनेे न्यायालय में दावा कर रखा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप चौधरी का अनुमान है कि कम से कम 10 करोड़ की डील है। उन्होंने 1998 से अब तक उषा ब्रेको से संबंधी डील की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पूर्व पालिकाध्यक्ष राजकुमार अरोड़ा ने 1997-98 में जो डील का प्रस्ताव तैयार किया था उसको न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। 30 साल के बाद उसी के आधार पर लीज डील करना सरासर बेईमानी है।

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