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चमोली गौचर मेले में मेलार्थियों की उमड़ी भीड़


गौचर मेला जैसे जैसे अपने यौवन की ओर बढ रहा है मेलार्थियों की अच्छी खासी भीड़ भी उमडती जा रही है। मेले में बढती भीड को देखकर जहाॅ व्यापारियों के चहरे खिल उठे है वही मेलार्थियों के लिए भी यह मेला बहुत खास सौगात लेकर आया है। गौचर मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर मुख्य अतिथि वन एवं पर्यावरण मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने दीप प्रज्जवलित कर सांस्कृतिक संध्या का शुभांरभ किया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भटट धिल्डियाल

चमोली 16 नवम्बर 2019 गौचर मेला जैसे जैसे अपने यौवन की ओर बढ रहा है मेले में मेलार्थियों की अच्छी खासी भीड़ भी उमडती जा रही है। मेले में बढती भीड को देखकर जहाॅ व्यापारियों के चहरे खिल उठे है वही मेलार्थियों के लिए भी यह मेला बहुत खास सौगात लेकर आया है। गौचर मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर मुख्य अतिथि वन एवं पर्यावरण मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने दीप प्रज्जवलित कर सांस्कृतिक संध्या का शुभांरभ किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मा0 मंत्री ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति और गौचर मेले की महत्ता को बताते हुए कहा कि पूरी दुनियां में अगर समरसता कही है तो वो अपने उत्तराखण्ड में है। गौचर मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर इंडिया गाट टैलेंट के प्रसिद्व फनकार हसन रिजवी के ‘‘आबरा का डाबरा’’ मैजिक वल्र्ड तथा भारतीय लोकनृत्य के नाम रही। दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर हसन रिजवी मेलार्थियों को पूरी तरह से अपनी मैजिक वल्र्ड में ले गए। उन्होंने जादू के अजब-गजब हैरत अंगेज करने वाले अनेक जादू दिखाकर दर्शकों को अचंभित किया। मैजिक मास्टर हसन रिजवी ने छडी के सहारे लडकी को हवा में लटकाना, बन्द बाॅक्स में इन्सान के शरीर को दो हिस्सों में विभाजित करना, खाली डिब्बे में कागज जलाकर फूल मालाऐं व जिन्दा कबूतर निकालने सहित कई अजब गजब जादू दिखाए। हसन रिवजी के जादू ने तब सबको आश्चर्य चकित कर दिया जब उन्होंने बिना किसी सहारे के स्टूल को हवा में लहराया। दर्शक देर रात तक टकटकी लगाकर हसन रिजवी के जादू का आनंद उठाते रहे। गौचर मेले में यह दूसरा मौका है जब किसी राष्ट्रीय स्तर के जादूगर का शौ लोगों को देखने को मिला। पिछली बार भी जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से गौचर मेले में लोगों को एनसी सरकार का जादू देखने को मिला था। दुनियां के प्रसिद्ध जादूगर हसन रिजवी ने जादू के अनेक करतब दिखाकर दर्शकों की खूब तालियां लूटी। वही दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर भारतीय लोकनृत्य की अमिट छाप भी रही। दूसरी संध्या पर पंजाबी गिद्धा डांस तथा गुजराती डांडिया नृत्य ने लोगों का खूब मनोरंजन किया। गुजरात के कलाकारों ने जहाॅ गरबा व डांडिया रास का अद्भुत लोकनृत्य पेस किया वही पंजाब के कलाकारों ने भांगडा व गिद्धा डांस से रातभर लोगों को थिरकने पर विवश किया। इस दौरान कई गणमान्य व्यक्ति व भारी सख्ंया में दर्शक मौजूद थे।

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