चौरास जैव विविधता के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के जीव जनà¥à¤¤à¥ और पेड़ पौधों और सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤œà¥€à¤µà¥‹ की पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ शामिल हैं ।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
पौड़ी, रा0इ0का0 मनà¥à¤œà¤¾à¤•à¥‹à¤Ÿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आज जैव विविधता दिवस को ऑनलाइन मनाया गया। जिसके अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पोसà¥à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— किया गया। इसके लिये छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को पोसà¥à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता हेतॠशीरà¥à¤·à¤• दिया गया था। जिस में घर से ही छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— किया गया। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता का आयोजन जीव विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ डॉ 0 अशोक कà¥à¤®à¤¾à¤° बडोनी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया। रा0इ0का0 मनà¥à¤œà¤¾à¤•à¥‹à¤Ÿ, चौरास जैव विविधता के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के जीव जनà¥à¤¤à¥ और पेड़ पौधों और सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤œà¥€à¤µà¥‹ की पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ शामिल हैं । जिनका सरंकà¥à¤·à¤£ अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। किनà¥à¤¤à¥ अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• मानवीय हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª के कारण आज जैव विविधता खतरे में है। पृथà¥à¤µà¥€ पर जीवन को बचाठरखने के लिये पृथà¥à¤µà¥€ की जैव विविधता को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखना नितांत आवशà¥à¤¯à¤• है। पृथà¥à¤µà¥€ पर रहने वाले जीव जनà¥à¤¤à¥à¤“ं, और पेड़ पौधों को बचाठरखने तथा दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में जैव विविधता के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤•à¤¤à¤¾ बढाने के उदेशà¥à¤¯ से 22 मई को अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ने हमें बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की हैं किनà¥à¤¤à¥ मनà¥à¤·à¥à¤¯ ने अविवेकपूरà¥à¤£ कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से बहà¥à¤¤ निरà¥à¤¦à¤¯à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• धरती की इस पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ का दोहन किया जिससे पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• असनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पैदा होती जा रही है। हमें पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤• तनà¥à¤¤à¥à¤° को बनाये रखने के लिये अपना योगदान देना होगा। अतः परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को बचाने के लिये सà¤à¥€ लोगों को आगे आना होगा ।मानव और पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के बीच à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ और सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ संबंध है। किनà¥à¤¤à¥ अविवेकपूरà¥à¤£ विकास कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का दोहन करता आ रहा है, जिसके कारण वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µà¥‹à¤‚ के साथ-साथ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के लिठसंकट उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता जा रहा है। वन-संपदा के अनियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ दोहन से वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µà¥‹à¤‚ के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर à¤à¥€ संकट पैदा हो गया है। वरà¥à¤²à¥à¤¡ वाइलà¥à¤¡à¤²à¤¾à¤‡à¤« फंड की रिपोरà¥à¤Ÿ लिविंग पà¥à¤²à¥ˆà¤¨à¥‡à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में लगातार बढ़ती मानवीय गतिविधियों के कारण वरà¥à¤· 1970 के बाद से अब तक दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में जीव-जंतà¥à¤“ं की संखà¥à¤¯à¤¾ में 60 फीसदी कमी आई है। रिपोरà¥à¤Ÿ में कहा गया है कि वनà¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में मानवीय गतिविधियां इसी तरह बढ़ती रहीं, तो दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µ अपने अंत की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° हो जाà¤à¤‚गे। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ में संतà¥à¤²à¤¨ बनाठरखने के लिठजैव-विविधता बेहद महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• मानते हैं कि जैव-विविधता की कमी से बाढ़, सूखा और तूफान जैसी पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदाओं का खतरा बढ़ जाता है इस वरà¥à¤· अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ जैव विविधता दिवस की थीम ‘पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में हमारे समाधान’ है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में संधà¥à¤¯à¤¾ ककà¥à¤·à¤¾ 10 ने पà¥à¤°à¤¥à¤®, शालिनी ककà¥à¤·à¤¾12 ने दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ व सलोनी ककà¥à¤·à¤¾ 12 ने तृतीय सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के संचालक डॉ0 बडोनी ने कहा कि कोविड काल में बचà¥à¤šà¥‹ का मनोवल बना रहे और वे मानसिक रूप से तनावमà¥à¤•à¥à¤¤ रहें इसके लिये आवशà¥à¤¯à¤• है कि इस तरह की गतिविधियों का आयोजन à¤à¥€ किया जाना आवशà¥à¤¯à¤• है। निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ सराहनीय हैं।