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पृथ्वी के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये आवश्यक है जैव विविधता संरक्षण- डॉ0 अशोक कुमार बडोनी


चौरास जैव विविधता के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के जीव जन्तु और पेड़ पौधों और सूक्ष्मजीवो की प्रजातियां शामिल हैं ।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी, रा0इ0का0 मन्जाकोट द्वारा आज जैव विविधता दिवस को ऑनलाइन मनाया गया। जिसके अन्तर्गत छात्र छात्राओं द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया। इसके लिये छात्र छात्राओं को पोस्टर प्रतियोगिता हेतु शीर्षक दिया गया था। जिस में घर से ही छात्रों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रतियोगिता का आयोजन जीव विज्ञान प्रवक्ता डॉ 0 अशोक कुमार बडोनी द्वारा किया गया। रा0इ0का0 मन्जाकोट, चौरास जैव विविधता के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के जीव जन्तु और पेड़ पौधों और सूक्ष्मजीवो की प्रजातियां शामिल हैं । जिनका सरंक्षण अत्यंत आवश्यक है। किन्तु अत्यधिक मानवीय हस्तक्षेप के कारण आज जैव विविधता खतरे में है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने के लिये पृथ्वी की जैव विविधता को सुरक्षित रखना नितांत आवश्यक है। पृथ्वी पर रहने वाले जीव जन्तुओं, और पेड़ पौधों को बचाए रखने तथा दुनियाभर में जैव विविधता के प्रति जागरुकता बढाने के उदेश्य से 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। प्रकृति ने हमें बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा प्रदान की हैं किन्तु मनुष्य ने अविवेकपूर्ण कृत्यों से बहुत निर्दयतापूर्वक धरती की इस प्राकृतिक सम्पदा का दोहन किया जिससे प्राकृतिक असन्तुलन की स्थिति पैदा होती जा रही है। हमें पारिस्थितिक तन्त्र को बनाये रखने के लिये अपना योगदान देना होगा। अतः पर्यावरण को बचाने के लिये सभी लोगों को आगे आना होगा ।मानव और प्रकृति के बीच एक महत्वपूर्ण और स्थायी संबंध है। किन्तु अविवेकपूर्ण विकास कार्यों से मनुष्य प्रकृति का दोहन करता आ रहा है, जिसके कारण वन्यजीवों के साथ-साथ प्रकृति के अस्तित्व के लिए संकट उत्पन्न होता जा रहा है। वन-संपदा के अनियंत्रित दोहन से वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी संकट पैदा हो गया है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट लिविंग प्लैनेट के अनुसार प्राकृतिक क्षेत्रों में लगातार बढ़ती मानवीय गतिविधियों के कारण वर्ष 1970 के बाद से अब तक दुनियाभर में जीव-जंतुओं की संख्या में 60 फीसदी कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वन्य क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियां इसी तरह बढ़ती रहीं, तो दुनिया में वन्यजीव अपने अंत की ओर अग्रसर हो जाएंगे। पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए जैव-विविधता बेहद महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक मानते हैं कि जैव-विविधता की कमी से बाढ़, सूखा और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ जाता है इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम ‘प्रकृति में हमारे समाधान’ है। प्रतियोगिता में संध्या कक्षा 10 ने प्रथम, शालिनी कक्षा12 ने द्वितीय व सलोनी कक्षा 12 ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के संचालक डॉ0 बडोनी ने कहा कि कोविड काल में बच्चो का मनोवल बना रहे और वे मानसिक रूप से तनावमुक्त रहें इसके लिये आवश्यक है कि इस तरह की गतिविधियों का आयोजन भी किया जाना आवश्यक है। निश्चित रूप से ऐसे प्रयास सराहनीय हैं।

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