à¤à¤—वान गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ का मधà¥à¤¯ मारà¥à¤— आचारà¥à¤¯ शंकराचारà¥à¤¯ के अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤à¤µà¤¾à¤¦ का रà¥à¤ª है जिसमे आतà¥à¤®à¤¾ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मन के महतà¥à¤µ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ किया गया है।
रिपोर्ट - डा0 मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° सिंह(तथागत) बà¥à¤¦à¥à¤§ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर विशेष लेख
ऊॅं पूरà¥à¤£à¤®à¤¦à¤ƒ पूरà¥à¤£à¤®à¤¿à¤¦à¤‚ पूरà¥à¤£à¤¾à¤¤à¥ , पूरà¥à¤£ मà¥à¤¦à¤šà¥à¤¯à¤¤à¥‡, पूरà¥à¤£à¤¸à¥à¤¯ पूरà¥à¤£à¤®à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯, पूरà¥à¤£ मेवा वशिषà¥à¤¯à¤¤à¥‡à¥¤ ऊॅ शांतिः शांतिः शांतिः आज लगà¤à¤— 2584 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ गà¥à¤°à¤¾à¤® लà¥à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¨à¥€ में राजकà¥à¤®à¤¾à¤° सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥ का राजा शà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤§à¤¨ के घर पर जनà¥à¤® हà¥à¤† था। सà¥à¤¯à¥‹à¤§à¤¨ कपिलवसà¥à¤¤à¥ गणराजà¥à¤¯ के राजा थे। यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जनपद सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤—र से आठकिलोमीटर अंदर नेपाल के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में लà¥à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¨à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। गौतम सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥ के विषय में यह पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• बात है कि इनके जीवन की तीन घटनाà¤à¤‚ वैशाख की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को होती है। पहला इनका जनà¥à¤®, दूसरा इनका बोधिसतà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿, तीसरा इनका परिनिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥¤ इनका जनà¥à¤® नेपाल की तराई में होता है। बोधिसतà¥à¤µ बिहार के बोधगया में होता है तथा पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨/धरà¥à¤® चकà¥à¤° पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ काशी के पास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सारनाथ में होता है। इसको ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ समय में मृगदाव कहा जाता था। जिसका मतलब है हिरन का वन। इनकी मां का नाम महामाया तथा महाराजा शà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤§à¤¨ की दूसरी रानी महापà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ जो बाद में गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ के शिषà¥à¤¯ बनने के बाद मां गौतमी कहलायी। यह वासà¥à¤¤à¤µ में राजकà¥à¤®à¤¾à¤° सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥ की सगी मौसी तथा महारानी महामाया की बड़ी बहन थी। गौतम के पà¥à¤°à¤¥à¤® शिषà¥à¤¯ आनंद इनके महापà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ इनके सौतेले à¤à¤¾à¤ˆ थे। इस रहसà¥à¤¯ पर हो सकता है विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की नजर नहीं पड़ी हो लेकिन जब काशी के विदà¥à¤µà¤¤ परिषद ने कलांतर में ईसा के चैथी सदी में जब इनको à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का अवतार घोषित किया। जिसमें कà¥à¤› लोग दशम अवतार कà¥à¤› लोग इनको 23वां अवतार बताते है। गौतम सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥ का गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ बनने का सफर बड़ा लमà¥à¤¬à¤¾ था। जिसमें मà¥à¤–à¥à¤¯ रà¥à¤ª से à¤à¤—वान महावीर के समà¥à¤¯à¤• साधना पर आधारित था। à¤à¤—वान महावीर इनसे लगà¤à¤— 30 वरà¥à¤· बड़े थे। दोनो राजकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का चार चार चरà¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤¸ ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पाटलिपà¥à¤¤à¥à¤° के वैशाली नगर में à¤à¤µà¤‚ राजगीर नगर में हà¥à¤ थे। जो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में विहार पà¥à¤°à¤¾à¤‚त के दोनो जिला केनà¥à¤¦à¥à¤° के रà¥à¤ª में विकसित है। दोनेा महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ से वैशाली राजà¥à¤¯ की सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नृतà¥à¤¯à¤¾à¤‚गना/गणिका सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ आमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤²à¥€ का संवाद हà¥à¤† था। जो बाद में कणिका आमà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤²à¥€ अपना मूल पेशा तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर à¤à¤—वान गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ की शिषà¥à¤¯à¤¾ बन गयी थी। इसकी à¤à¥€ बड़ी बेजोड़ कहानिया है। जो अगले लेख में दी जायेगी। इस अवसर पर मै अपने सनातन धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ वाकà¥à¤¯ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करà¥à¤‚गा। कोई पूरà¥à¤£ वसà¥à¤¤à¥ से कोई वसà¥à¤¤à¥ निकलती है तो वह à¤à¥€ पूरà¥à¤£ होती है। जैसे परमातà¥à¤®à¤¾ से आतà¥à¤®à¤¾ का निकलना à¤à¤• पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ है पर परमातà¥à¤®à¤¾ को आतà¥à¤®à¤¾ को नियंतà¥à¤°à¤£ करने की शकà¥à¤¤à¤¿ है। पर आतà¥à¤®à¤¾ में यह शकà¥à¤¤à¤¿ नहीं है। ऊॅं पूरà¥à¤£à¤®à¤¦à¤ƒ पूरà¥à¤£à¤®à¤¿à¤¦à¤‚ पूरà¥à¤£à¤¾à¤¤à¥ , पूरà¥à¤£ मà¥à¤¦à¤šà¥à¤¯à¤¤à¥‡, पूरà¥à¤£à¤¸à¥à¤¯ पूरà¥à¤£à¤®à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯, पूरà¥à¤£ मेवा वशिषà¥à¤¯à¤¤à¥‡à¥¤ ऊॅ शांतिः शांतिः शांतिः आज पूरे विशà¥à¤µ में कोरोना काल चल रहा है। इस वैशाख मास में à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के तीन अवतारों की जयंती पड़ती है तथा आचारà¥à¤¯à¥‹ की। पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤—वान परशà¥à¤°à¤¾à¤® की। दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ जो आज नरसिंह à¤à¤—वान की और à¤à¤—वान गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ की। इन आचारà¥à¤¯à¥‹ में जगतगà¥à¤°à¥ वलà¥à¤²à¤à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ जी की। जगतगà¥à¤°à¥ रामानà¥à¤œà¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ जी की जगतगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ जी की। à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के तीनों अवतारों à¤à¤µà¤‚ आचारà¥à¤¯ महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के तीनों के सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ से हमारे गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ का सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ कà¥à¤› मेल खाता है। गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ का सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ आदि शंकराचारà¥à¤¯ से अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤ वाद से मिलता जà¥à¤²à¤¤à¤¾ है। जहां जगतà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ ने अपने सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ में कहा है कि ‘‘बà¥à¤°à¤¹à¤® सतà¥à¤¯à¤®à¥ जगनमिथà¥à¤¯à¤¾, बमà¥à¤¹à¥ˆà¤µ जीवो नापरः‘‘ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ बà¥à¤°à¤¹à¤® सतà¥à¤¯ है बà¥à¤°à¤¹à¤® और जीव में à¤à¥‡à¤¦ नहीं है। संसार à¤à¥‚ठा है। वहीं गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ ने कहा है ‘‘दà¥à¤–म सतà¥à¤¯à¤®à¥ जगन मिथà¥à¤¯à¤¾ मानस जीवों नापरः।‘‘ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ संसार का दà¥à¤–ः सतà¥à¤¯ है जो संसार मे है वह सà¤à¥€ दà¥à¤–ी है इस दà¥à¤– का मानस मन से निवारण करना या मन को इनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ निगà¥à¤°à¤¹ के माधà¥à¤¯à¤® से दà¥à¤– से दूर करना ही साधना की पराकाषà¥à¤Ÿà¤¾ है। गौतम ने à¤à¤• आतà¥à¤®à¤¾ और दूसरा मानस मे से केवल आतà¥à¤®à¤¾ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— को नहीं किया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गौतम को आतà¥à¤®à¤¾ का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— नहीं था। उसके जगह पर इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ मानस को कहा। इसलिठगौतम ने मानस के अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ मन के पराकाषà¥à¤ ा को पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ किया और आतà¥à¤®à¤¾ पर अपने को निषेध कर लिया तथा कहा कि कैवलà¥à¤¯ पाना या निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पाना इस मानस को मन को दà¥à¤– रहित होना ही है। आगे गौतम कहते है कि संसार पूरा दà¥à¤–मय है। जिस तरह आज कोरोना काल में सà¤à¥€ लोग कोरोना महामारी के à¤à¤¯ से दà¥à¤–ी है। इसका निराकरण यह है कि कोरेाना से बचे अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ दà¥à¤– से बचे। इसके लिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ दà¥à¤– से बचने के लिठधà¥à¤¯à¤¾à¤¨, अंतरदृषà¥à¤Ÿà¤¿, विपसना आदि मधà¥à¤¯à¤® मारà¥à¤— का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ बताया। जो आजकल आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ योगपदà¥à¤µà¤¤à¤¿ में सà¤à¥€ लोग धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, आदि को रोग à¤à¤—ाने का मà¥à¤–à¥à¤¯ उपाय बताते है। हमारे गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ ने अपने जीवन के लगà¤à¤— 80 वरà¥à¤· के काल में जिसमे इनका 66 वरà¥à¤· संघरà¥à¤· में व उपदेश में रहा। सबसे बड़ी बात अपनी अनà¥à¤à¤µà¤œà¤¨à¥à¤¯ बातें कही तथा कहा कि दà¥à¤– निवारण का à¤à¤• मातà¥à¤° उपाय है कि किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के संगà¥à¤°à¤¹ से और परिगà¥à¤°à¤¹ से बचों। किसी के साथ छल मत करो और उसका तिरसà¥à¤•à¤¾à¤° मत करो। कोध मत करो। जिस तरह मां अपने सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की रकà¥à¤·à¤¾ करती है उस तरह से अपने हृदय में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ करà¥à¤£à¤¾-पà¥à¤°à¥‡à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ करो। मृदॠà¤à¤µà¤‚ सौमà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करो। पà¥à¤°à¥‡à¤® के सागर में पारावार में डूबने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करो। यदि कोलाहल हो तरà¥à¤• विरà¥à¤¤à¤• हो तो वहां चिरकालिक मौन करो। कोई जटिल पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पूछे तो उससे उस पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ का अनà¥à¤à¤µ करने हेतॠपूरा मौका दो जैसे कोई पूछे आनंद कà¥à¤¯à¤¾ है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• à¤à¥‚खे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराने के बाद जो उसका आनंद मिलता है इस लौकिक आनंद से अनà¥à¤à¤µ कराओं और कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करो कि आप के जीवन मंे या किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में यदि दà¥à¤– à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤– की परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तिरोहित हो जाय गायब हो जाय, तो उसके पास उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के पास वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ समूह के पास केवल आनंद ही आनंद रहता है। इसी बात को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के महान दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डा à¤à¤¸ राधाकृषà¥à¤£à¤¨ ने लिखा है कि ‘‘वà¥à¤¹à¥‡à¤¨ आबसेंट’’ आल टाईपस आफ डिफीकलà¥à¤Ÿà¥€à¤¸ à¤à¤£à¥à¤¡ पà¥à¤°à¤¾à¤¬à¤²à¤® देयर इज ओनली वन थिंग वी गेट गà¥à¤°à¥‡à¤¡ पà¥à¤²à¥‡à¤œà¤° दैट इंज रियल फिलासà¥à¤ªà¥€ आफ गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¾ गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ ने अपने जीवन में इस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के शरीर से दस बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ को छोड़ने का आगà¥à¤°à¤¹ किया। जिसमें तीन शरीर से चार जिहà¥à¤µà¤¾ से और तीन चित/मन से है। यदि छोड़ दिया जाय तो वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ महान à¤à¤‚ते/बà¥à¤¦à¥à¤§ बन जाता है। बà¥à¤¦à¥à¤§ वहीं है जो इस जीवन के और इस शरीर के सà¤à¥€ तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को जानता है वही तथागत है। आज वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ से वौदà¥à¤§ धरà¥à¤® निकल कर चीन जापान, कोरिया, मंगोलिया, वरà¥à¤®à¤¾/मà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾à¤°, थाईलैंड, शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का आदि देशों में फैल चà¥à¤•à¤¾ है तथा वहां धरà¥à¤®à¤¾à¤µà¤²à¤®à¥à¤¬à¥€ बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ में आते है। à¤à¤¾à¤°à¤¤/नेपाल के इनका पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ तीरà¥à¤¥ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° गौतम का जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ लà¥à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¨à¥€ बोधिसतà¥à¤µ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बोधगया, धरà¥à¤®à¤šà¤•à¥à¤° पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨/पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सारनाथ à¤à¤µà¤‚ महापरिनिरà¥à¤µà¤¾à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ कà¥à¤¶à¥€à¤¨à¤—र पिपरहवा मे है। जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार à¤à¤µà¤‚ राजà¥à¤¯ सरकार के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पयरà¥à¤Ÿà¤¨ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से विदेशी सरकारों के सहयोग से बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ परिपथ/सरà¥à¤•à¤¿à¤Ÿ के रà¥à¤ª में विकसित किया गया है तथा इनका मà¥à¤–à¥à¤¯ मंतà¥à¤° ऊं शाकà¥à¤¯à¤®à¥à¤¨à¤¿ शाकà¥à¤¯à¤®à¥à¤¨à¤¿ देवाय नमः है। गौतम बà¥à¤¦à¥à¤µ ने सà¤à¥€ को यह मà¥à¤–à¥à¤¯ संदेश दिया है कि यदि सà¥à¤–मय जीवन जीना चाहते है तो केवल वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की चिंता करो, वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ का करà¥à¤® करो, à¤à¥‚त और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के बारे में कà¤à¥€ मत सोचो। यदि सोचोगे तो जीवन में कà¤à¥€ सà¥à¤–ी नही रहोगे। नोट- लेखक डा0 मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° सिंह वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में अयोधà¥à¤¯à¤¾ मणà¥à¤¡à¤² के उप सूचना निदेशक है तथा पूरà¥à¤µ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार में à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ रहे है। आप इलाहाबाद विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से मानव विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° तथा डा समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾ में विदà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤šà¥à¤¸à¥à¤ªà¤¤à¤¿ की उपाधि है तथा अयोधà¥à¤¯à¤¾ व धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनेक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं से सेवक के रà¥à¤ª में जà¥à¥œà¥‡ हà¥à¤ है।