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प्रयागराज की तर्ज पर हो महाकुम्भ मेले की व्यवस्था - श्रीमहंत रघुमुनि


श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के तत्वाधान मे हरकी पौड़ी पर 2021 मे आयोजित होने वाले महाकुम्भ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूजा अर्चना और दुग्धाभिषेक किया गया |

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार। 18 नवम्बर - श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के तत्वाधान मे हरकी पौड़ी पर 2021 मे आयोजित होने वाले महाकुम्भ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूजा अर्चना और दुग्धाभिषेक किया गया जिसमें बड़ी संख्या मे अखाड़े के संतो सहित शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, लक्सर विधायक संजय गुप्ता, मेयर अनीता शर्मा, मेलाधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह, जिलाधिकारी दीपेन्द्र चैधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सैंथिल अबुदई कृष्णराज, एस.डी.एम. कुसुम चैहान, एस.पी. सिटी कमलेश उपाध्याय, सी.ओ. सिटी अभय प्रताप सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुम्भ मेला भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की अद्भुत पहचान है। जो भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर अनोखे रूप मे संजोए हुए है। सरकार महाकुम्भ मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए हर मूलभूत सुविधा प्रदान करेगी। संत महापुरूषो के साथ-साथ आने वाले करोड़ो श्रद्धालुओ की आस्था को दृष्टिगत रखते हुुए बिजली पानी व पथप्रकाश की व्यवस्था को सुचारू रूप से व्यवस्थित किया जायेगा। श्रीमहंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि संत महापुरूषो और पतित पावनी मां गंगा के आर्शीवाद से महाकुम्भ मेला सकुशल संपन्न होगा। सरकार को प्रयागराज की तर्ज पर मेले की व्यवस्था को सुचारू रूप से व्यवस्थित किया जाये। महाकुम्भ मेले के सभी कार्य आयोजन से छः माह पूर्व पूर्ण किये जाने चाहिए। ताकि आने वाले करोड़ो श्रद्धालुओ और महापुरूषो को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार मे संत महापुरूषो की अहम भूमिका है और महाकुम्भ मेला भारतीय संस्कृति मे समाहित अनेकता मे एकता का प्रतीक है इसे सम्पन्न कराना सभी महापुरूषो का दायित्व है। श्रीमहंत महेश्वर दास एवं आचार्य गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि हरिद्वार मे आयोजित होने वाला महाकुम्भ मेला ऐतिहासिक होगा और भव्य व दिव्य रूप से सम्पन्न कराया जायेगा। महंत प्रेमदास व महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। जिसमे सभी धर्म सम्प्रदाय के लोगो साथ-साथ विदेशी श्रद्धालु भी आकर पुण्य लाभ अर्जित करते है। संत महापुरूषो के आर्शीवाद से ही आज हमारी संस्कृति को विदेशो मे भी पूजा जाता है और इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु मां गंगा मे स्नान कर अपने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते है। सरकार और प्रशासन को सभी तेरह अखाड़ो के संत महापुरूषो से समन्वय कर कुम्भ मेले की व्यवस्था को उत्तम रूप से व्यवस्थित करना चाहिए। जिससे महाकुम्भ मेला सकुशल सम्पन्न हो सके। महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि महाकुम्भ मेले की पहचान संत महापुरूषो से है। जिनसे बड़ी संख्या मे श्रद्धालु भक्त ज्ञान की प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सफल बनाते है और महाकुम्भ मेला राष्ट्र की एकता अखण्डता बनाये रखने का सबसे बड़ा पर्याय है। मां गंगा और संत महापुरूषो के आर्शीवाद से महाकुम्भ मेला प्रयागराज की तर्ज पर अवश्य ही सकुशल सम्पन्न होगा ऐसी हम कामना करते है। पूजा अर्चना करने वालो मे महंत महेश्वर दास, महन्त जयेन्द्रमुनि, म0म0 स्वामी कपिलमुनि, म0म0 गोरीशंकर दास, महंत दामोदरशरण दास, म0म0 स्वामी हरिचेतनानन्द, महन्त कमलदास, महन्त जगदीशदास, महंत दिव्याम्बरमुनि, महंत निरंजन दास, महंत दर्शन दास, स्वामी शिवानन्द, महंत ब्रह्ममुनि आदि सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष उपस्थित रहे।

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