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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर तम्बाकू छोड़ने के लिये हों प्रतिबद्ध- डॉ0 अशोक कुमार बडोनी


हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 थीम की थीम “छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध” हैं. ये अभियान लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है. लोगों को इसके हानिकारक प्रभावों को समझाने के लिए WHO के जरिए जागरूकता पैदा करने के लिए कई प्रदर्शनियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। तंबाकू का उपयोग किसी भी रूप में किया जाए यह हानिकारक ही होता है, यहां तक ​​कि कभी-कभी धूम्रपान या तंबाकू चबाना गंभीर बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जीवनभर धूम्रपान करने वालों को संभावित घातक बीमारियों की एक श्रृंखला विकसित होने का सबसे अधिक जोखिम होता है। तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों में फेफड़ों, मुंह, नाक, कंठ, जीभ, नेसल साइनस, एसोफैगस (भोजन नली), गला, पैनक्रिया, अस्थि मज्जा (माइलॉयड ल्यूकेमिया), किडनी, गर्भाशय, अंडाशय, पेशाब की नली, लिवर, मूत्राशय, आंत्र और पेट का कैंसर। फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग, जिसमें ऑब्सट्रक्टिव ब्रोंकोलाइटिस और एम्फिसीमा , कोरोनरी धमनी रोग, हृदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक। पाचन तंत्र के अल्सर। आदि रोग शामिल हैं। साथ ही धुएं रहित तंबाकू से कई गंभीर मुँह से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि, मुंह और मसूड़ों के कैंसर जैसी बीमारियाँ पैदा होती हैं। तंबाकू छोड़ने से तत्काल स्वास्थ्य लाभ होते हैं और कुछ व्यक्तियों की आयु के अनुसार खोई हुई पूरी या थोड़ी जीवन प्रत्याशा को दुबारा हासिल किया जा सकता है। तंबाकू कई प्रकार की लाइलाज बीमारियों और हमारी क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब करने के लिए बहुत घातक है। फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को ही माना जाता है। फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को रहता है जो स्मोकिंग करते हैं। स्मोकिंग के कारण फेफड़े की कार्यप्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होती है और वह धीरे-धीरे कैंसर की चपेट में भी आ जाता है। इसलिए तंबाकू का सेवन करने से बचें। लिवर कैंसर के कारण भारत में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं। लिवर में होने वाला संक्रमण व्यक्ति को किसी भी समय मौत के आगोश में सुला सकता है। कैंसर होने के बाद यह संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा हो जाता है। इसलिए तंबाकू का सेवन ना करें और लिवर कैंसर से बचे रहें। मुंह के कैंसर से भारत में पुरुष के नहीं बल्कि महिलाएं भी जूझ रही हैं। तंबाकू का सेवन करने वालों की बात करें तो हर पांचवां व्यक्ति तंबाकू का सेवन करने के कारण हृदय रोग से जरूर पीड़ित होता है और उसके कारण उसकी मौत भी हो जाती है। तंबाकू का सेवन करने के कारण महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। साथ ही गर्भवती महिलाएं यदि तंबाकू का सेवन कर रही हैं तो यह उनके बच्चे पर भी नकारात्मक असर डालता है और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिये नुकसानदायक होता है।

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