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हरिद्वार द्वारा आयोजित फेस बुक लाइव के माध्यम से ’’चैम्पियन आॅफ चेंज ’’ कार्यक्रम की पहली कड़ी


हरिद्वार जनपद की चुनौती अन्य जनपदों की अपेक्षा भिन्न है, क्योंकि अभी कुछ दिनों पहले यहां कुम्भ मेले का आयोजन हुआ, यह जनपद उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार: जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन, हरिद्वार द्वारा आयोजित फेस बुक लाइव के माध्यम से ’’चैम्पियन आॅफ चेंज ’’ कार्यक्रम की पहली कड़ी में बोलते हुये कहा कि अभी हमने कोविड की चुनौती को देखा है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद की चुनौती अन्य जनपदों की अपेक्षा भिन्न है, क्योंकि अभी कुछ दिनों पहले यहां कुम्भ मेले का आयोजन हुआ, यह जनपद उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। ऐसी चुनौतियां का प्रबन्धन समय के अनुसार किया गया, जो एन0जी0ओ0, स्वयं सेवकों, अन्य समुदायों के सहयोग के बिना सम्भव नहीं था। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित ’’चैम्पियन आॅफ चेंज’’ रामकृष्ण मिशन के स्वामी दयाधिपानन्द की सेवाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि कोविड संकट के समय इनकी सेवायें सराहनीय रहीं। इन्होंने जरूरतमन्दों का सर्वे कराते हुये उन्हें 20 किलो के राशन के किटों का वितरण कराया। कोविड की द्वितीय लहर में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता एक चुनौती थी, उस चुनौती को इन्होंने स्वीकार करते हुये प्रारम्भ में 50 बेड का अस्पताल शुरू किया, बाद में जिसकी क्षमता बढ़ाते हुये 200 बेड का किया गया, जिसमें 1400 लोगों का सफल इलाज किया गया। उन्होंने स्वामी दयाधिपानन्द की सेवाओं की सराहना की। फेस बुक लाइव के माध्यम से ’’चैम्पियन आॅफ चेंज ’’ कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन के स्वामी दयाधिपानन्द ने बोलते हुये कहा कि रामकृष्ण मिशन एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है। संस्था नर सेवा को ही नारायण सेवा मानती है। संस्था द्वारा कनखल, हरिद्वार में स्थापित कोविड अस्पताल के बारे में बताते हुये उन्होंने कहा कि हाॅस्पिटल के संचालन में वार्ड ब्वाय से लेकर उच्च स्तर तक सभी का सहयोग मिला। यह समय की मांग थी कि कोरोना मरीजों का हौसला बढ़ाया जाय ताकि वह अपने को अकेला न समझे, इसके लिये हमने कोरोना मरीजों की जो सेवा करना चाहते थे, उन्हें पीपीपी किट पहनाकर सेवा करने का प्रयोग सभी गाइड लाइन का पालन करते हुये किया, जो पूर्णतः सफल रहा, क्योंकि जो भी सेवा करने वाले थे, उनमें टेस्टिंग करने के बाद किसी भी तरह के कोरोना के लक्षण नहीं पाये गये। इस आत्मियता को कोरोना के मरीजों ने महसूस किया, जिसकी वजह से रिकवरी दर में बढ़ोत्तरी हुई। स्वामी दयाधिपानन्द ने सिडकुल इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन की सराहना करते हुये कहा कि इसने संकट के समय मदद करते हुये महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। इसके अलावा अन्य संस्थाओं ने भी ऐसे समय में अपना पूरा योगदान दिया, जिसकी वजह से हम बहुत सस्ते दरों पर लोगों का इलाज कर पाये। उन्होंने हृदय से सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब भी समाज में कोई संकट आया, रामकृष्ण मिशन स्वामी विवेकानन्द के समय से ही नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते हुये निःस्वार्थ भाव से कार्य करता रहा है। बहुजन हिताय बहुजन सुखाय हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि एक सुदृढ़ समाज के लिये हम सभी को मिलकर काम करना है। उन्होंने जिलाधिकारी द्वारा हर मौके पर पूरा सहयोग देने के लिये उनकी भूरि-भरि प्रशंसा की। उन्होंने इस मौके पर युवाओं को सेवा के लिये आगे आने का आह्वान किया।

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