गौचर मेले की आखरी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤µ बाॅलीवà¥à¤¡ सूफी गायक वारसी बंधॠतथा बालीवà¥à¤¡ पà¥à¤²à¥‡ बैक गायिका शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पंडित के नाम रही। वारसी बंधà¥à¤“ं ने जहाॅ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ पर अपनी कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से समा बांधा वही पà¥à¤²à¥‡ बैक गायिका शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पंडित के à¤à¤• से बढकर à¤à¤• फिलà¥à¤®à¥€ गानों की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पर दरà¥à¤¶à¤• देर रात तक à¤à¥‚मते रहे।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¤Ÿ धिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
चमोली 20 नवमà¥à¤¬à¤° 2018,गौचर मेले की आखरी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤µ बाॅलीवà¥à¤¡ सूफी गायक वारसी बंधॠतथा बालीवà¥à¤¡ पà¥à¤²à¥‡ बैक गायिका शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पंडित के नाम रही। वारसी बंधà¥à¤“ं ने जहाॅ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ पर अपनी कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से समा बांधा वही पà¥à¤²à¥‡ बैक गायिका शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पंडित के à¤à¤• से बढकर à¤à¤• फिलà¥à¤®à¥€ गानों की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पर दरà¥à¤¶à¤• देर रात तक à¤à¥‚मते रहे। अपनी शानदार पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ से इन फनकारों ने आखरी संधà¥à¤¯à¤¾ को यादगार बनाया। गौचर मेले की आखरी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ के मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ विधायक सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह नेगी ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकिया। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤µ वालीहà¥à¤¡ सूफी गायक वारसी बंधॠने सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ पर à¤à¤• के बाद à¤à¤• सूफी कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¥€ की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ से à¤à¤¸à¤¾ समा बांधा कि दरà¥à¤¶à¤• तालियों की थाप पर थिरकते नजर आà¤à¥¤ मंच पर आते ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ‘मेरा पिया घर आया.....’, कैसा ये पà¥à¤¯à¤¾à¤° है अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹...., मेरे लसके कमर....., सोचता हूॅ कि वो कितने मासूम थे.....दमादम मसà¥à¤¤ कलनà¥à¤¦à¤°.....आदि सूफी कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ का दिल जीत लिया। अपनी सूफी कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से वारसी बंधॠने दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¥‡à¤‚ को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया। पूरा पंडाल सूफी गायक वारसी बंधॠकी कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। इसके बाद बालवà¥à¤¡ गायिका शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पंडित के गानों पर देर रात तक दरà¥à¤¶à¤• थिरकते रहे। उनà¥à¤¹à¤¾à¤‚ेने हिनà¥à¤¦à¥€, सिंधी à¤à¤µà¤‚ पंजाबी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में à¤à¤• से बà¥à¤•à¤° à¤à¤• गानों की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ देकर दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को खूब नचाया। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पंडित ने ‘à¤à¤¸à¥‡ लहरा के तू रूबरू आ गई......’‘जà¥à¤—नी जà¥à¤—नी...’ कजरा मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ वाल..., तू चीज बडी है मसà¥à¤¤ मसà¥à¤¤..., सावन में लग गई आग....., à¤à¤• कनà¥à¤¯à¤¾ कà¥à¤‚वारी...., मेरी उमर के नौजवानों...., सूरज डूबा है यारों.....जो मैनू पà¥à¤¯à¤¾à¤° ना मिले.....तू कैनà¥à¤¦à¥€ बिगरेली दी पूरा लंदन ठà¥à¤®à¥à¤•à¤¦à¤¾.... आदि मशहूर गानों पर दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को देर रात तक नाचने को मजबूर किया और गौचर मेले की आखरी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संधà¥à¤¯à¤¾ को यादगार बना दिया। इस दौरान हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में दरà¥à¤¶à¤• मौजूद रहे। मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि करà¥à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— विधायक सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह नेगी, जिलाधिकारी सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¤¸ à¤à¤¦à¥Œà¤°à¤¿à¤¯à¤¾, मà¥à¤–à¥à¤¯ विकास अधिकारी हंसादतà¥à¤¤ पांडे à¤à¤µà¤‚ मेलाधिकारी देवानंद शरà¥à¤®à¤¾ ने मेला समिति की ओर से वारसी बंधॠà¤à¤µà¤‚ गायिका शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पंडित को शाॅल à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• चिनà¥à¤¹ à¤à¥‡à¤‚ट कर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ à¤à¥€ किया।