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हमारे दूरदर्शी संतो के द्वारा दो अमूल्य वचन ‘वासुदेव कुटुम्बकम’ के साथ एक सकारात्मक दृष्टिकोण का सुझाव दिया


हमारे दूरदर्शी संतो के द्वारा दो अमूल्य वचन ‘वासुदेव कुटुम्बकम’ के साथ एक सकारात्मक दृष्टिकोण का सुझाव दिया गया तो उन्होंने निश्चित रूप से मानव जाति के साथ प्रकृति की एक संयुक्त ईकाई की ओर संकेत दिया जो हमारे अस्तित्व का आधार बनाता है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हमारे दूरदर्शी संतो के द्वारा दो अमूल्य वचन ‘वासुदेव कुटुम्बकम’ के साथ एक सकारात्मक दृष्टिकोण का सुझाव दिया गया तो उन्होंने निश्चित रूप से मानव जाति के साथ प्रकृति की एक संयुक्त ईकाई की ओर संकेत दिया जो हमारे अस्तित्व का आधार बनाता है। सृष्टिकत्र्ता द्वारा रचित संपूर्ण सृष्टि का ध्यान रखना हमारा कत्र्तव्य है। यह कहना है संत निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक प्रमुख सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का। उनका कहना है कि ईश्वर द्वारा बनाई गई पूरी सृष्टि की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है, जो हमारे दृष्टिकोण में एक स्थायी परिवर्तन लाने में सहायक रहा है। मिशन ने अपनी सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के माध्यम द्वारा पिछले कई दशकों में वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान और जल संरक्षण जैसे कई अभियानों द्वारा दुनियां भर में अपनी मजबूत छवि बनाई है। इस वर्ष 23 फरवरी को ‘बाबा हरदेव सिंह जी की 67वीं जयंती के उपलक्ष्य पर संत निरंकारी मिशन ने टाईम्स आॅफ इंडिया ;ज्व्प्द्ध समूह के साथ मिलकर संपूर्ण भारतवर्ष में 1लाख से अधिक वृक्ष लगायें हैं। इस अभियान द्वारा प्रतिभागियों को तीन साल तक पौधे का पोषण करने के लिए प्रेरित किया, जब तक कि यह आत्मनिर्भर न हो जाए। उन्होंने बताया कि मिशन और उनके सेवादारों ने इस अभियान के अंतर्गत रेलवे स्टेशन, अस्पतालों, नदियों, पार्को की स्वच्छता के साथ-साथ वृक्षारोपण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसके परिणामस्वरूप भारत सरकार द्वारा मिशन को अपने स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर के रूप में चयनित करके समर्थन किया। जल संचयन, सौर ऊर्जा उपयोग, ग्रीन बिल्डिंग मानदंडों को अपनाना और मिशन द्वारा इसी तरह के कई और प्रयास, हमारे पर्यावरण को जीवित रखने की की प्रेरणा देते है। इस वर्ष, विश्व पर्यावरण दिवस पर, देशभर में जहां लॉकडाउन के कारण सीमाएं हैं, और जिसके कारण नियमित रूप में अखिल भारतीय अभियान संभव नहीं है। किंतु इस वर्ष ‘पारिस्थितिकी संतुलन के पुनःस्थापन’ का संदेश, जो 2021 में संयुक्त राष्ट्र का विषय है, को एक ‘आभासी विश्व मंडली’ के माध्यम द्वारा सभी भक्तों के साथ साझा किया गया है, जो सभी को अपने स्थानीय ‘पारिस्थितिकी तंत्र’ के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित करता है। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अपने पवित्र प्रवचन में सभी से ‘पर्यावरण संतुलन’ के प्रति जागरूक होने की अपील भी की। उन्होंने बाबा हरदेव सिंह जी की पंक्तियों को भी दोहराया, जो हमें बाहरी प्रदूषण हटाने की याद दिलाते हैं। इसके साथ ही हमारे मन के अंदर उत्पन्न होने वाले घृणा, लालच, अहंकार और अज्ञानता रूपी प्रदूषण को भी दूर करने के लिए प्रेरित करते है। जिससे उपरांत संपूर्ण विश्व में शांतिपूर्ण, प्यार भरा वातावरण स्थापित हो जायेगा।

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