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पतंजलि अनुसंधान संस्थान की अनुसंधानपरक गतिविधियों से भविष्य के प्रति आशावादी: उप-प्रधानमंत्à¤


नेपाल के माननीय उप-प्रधानमंत्री श्री उपेन्द्र यादव जी के सम्मान में पतंजलि योगपीठ-। स्थित आयुर्वेद भवन के सभागार में एक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। साथ ही पतंजलि के स्वदेशी अभियान तथा शिक्षा व्यवस्था को दृढ़ता प्रदान करने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय की परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया। स्वागत समरोह की शुरुआत प्रातःकालीन यज्ञ से हुई।

रिपोर्ट  - all news Bharat.com

हरिद्वार, 21 नवम्बर। नेपाल के माननीय उप-प्रधानमंत्री श्री उपेन्द्र यादव जी के सम्मान में पतंजलि योगपीठ-। स्थित आयुर्वेद भवन के सभागार में एक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। साथ ही पतंजलि के स्वदेशी अभियान तथा शिक्षा व्यवस्था को दृढ़ता प्रदान करने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय की परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया। स्वागत समरोह की शुरुआत प्रातःकालीन यज्ञ से हुई। इसके पश्चात् कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए श्री उपेन्द्र यादव ने कहा कि नेपाल व भारत कहने के लिए दो अलग राष्ट्र हैं किन्तु दोनों में काफी समानता है। हमारे पूर्वज भी एक ही हैं। नेपाल एक माँ है, तो भारत दूसरी माँ है तथा हम सब इनकी सन्तान हैं। उन्होंने कहा कि भौगोलक समानताओं के साथ-साथ भारत व नेपाल प्राचीन संस्कृति, सभ्यता, पहनावा, दोनों राष्ट्रों के महान् व्यक्तित्वों व नदियों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। हमारा चिन्तन, जीवन प्रणाली, संस्कृति व पहचान हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों की देन है। माननीय उप-प्रधानमंत्री महोदय ने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भारत व नेपाल के साथ-साथ संपूर्ण विश्व के लिए पतंजलि का अभूतपूर्व योगदान रहा है। नेपाल व भारत में जड़ी-बूटियों की बहुलता है, जो विश्व को आरोग्य प्रदान कर रही है। श्री यादव ने कहा कि आधुनिक परिवेश में पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से प्राचीन योग-आयुर्वेद को आधुनिक विज्ञान व धार्मिक मान्यताओं के साथ जोड़कर नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखें तो ‘नॉन कम्यूनीकेबल डिजिज’ जैसे- कैंसर, मोटापा, मानसिक रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि तेजी से अपने पैर पसार रहे हैं। इन असाध्य रोगों को समूल नष्ट करने का योग व आयुर्वेद ही एकमात्र उपाय है। निश्चित ही पतंजलि अनुसंधान संस्थान के आधुनिक अनुसंधानात्मक प्रयास आने वाले दिनों में पूरे विश्व को नई सोच देंगे। इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव ने कहा कि नेपाल व भारत को मित्रता व एकता विरासत में मिली है। दोनों राष्ट्रों के पूर्वजों व उनकी धार्मिक व सांस्कृतिक एकता की विरासत को प्रणाम। दोनों राष्ट्र पूर्ण सद्भाव व संपूर्ण एकता के साथ प्रगति के सौपान चढ़ रहे हैं। आशा है कि वर्तमान नेपाल सरकार, उप-प्रधानमंत्री श्री उपेन्द्र यादव जी के नेतृत्व में नेपाल राष्ट्र को उस ऊँचाई पर लेकर जाएगी जहाँ नेपाल की 3 करोड़ जनसंख्या उसे देखना चाहती है। इस अवसर पर ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि की शैक्षणिक सेवाओं को सुदृढ़ स्वरूप प्रदान करने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय की नवगठित परामर्शदात्री समिति से परिचय कराया। उन्होंने बताया कि समिति के अध्यक्ष पद पर जी.बी. पंत कृषि विश्वविद्यालय, पतंनगर, नैनीताल के भूतपूर्व कुलपति डॉ. पी.एल. गौतम को चयनित किया गया है। वहीं महामंत्री पद पर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रेवा, मध्य प्रदेश के पूर्व कुलपति प्रो. के.एन. यादव को चुना गया है। पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, रजिस्ट्रार महोदया श्रीमती प्रवीण पूनिया, पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. डी.एन. शर्मा तथा स्वामी परमार्थ देव जी का चयन समिति के सदस्य पद हेतु किया गया। आचार्य जी ने कहा कि नवगठित समिति में विद्वान् व्यक्तियों का चयन किया गया है। पतंजलि के स्वदेशी शिक्षा अभियान तथा पतंजलि की शैक्षणिक सेवाओं को उन्नत बनाने में नवगठित समिति नये आयाम स्थापित करेगी। इसी अवसर पर वर्षों से संस्थान को अपनी अमूल्य कानूनी सेवाएँ प्रदान करने वाले लीगल एडवाइजर एम.के. सरकार का विदाई समारोह भी रखा गया। समारोह में आचार्य ने कहा कि केन्द्र में कांग्रेस की सरकार के समय स्वामी जी द्वारा चलाए गए जनांदोलनों के परिणामस्वरूप अनेक कानूनी अड़चनें लगाने का प्रयास किया गया। उस समय एम.के. सरकार ने अपना मूल्यवान समय संस्थान को प्रदान करते हुए अभूतपूर्व सेवाएँ दी। आज उन्हें इस बड़ी जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए हम उनको धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। उनका सहयोग व जुड़ाव पतंजलि के साथ सदैव बना रहेगा। कार्यक्रम में साध्वी देवप्रिया जी, मुख्य महाप्रबंधक ललित मोहन जी, पतंजलि योगपीठ-नेपाल के मुख्य कार्यकर्ता शालीग्राम जी, ड्रग डिस्कवरी एण्ड डवलपमेंट डिविजन के उपाध्यक्ष डॉ. अनुराग वार्ष्णेय तथा पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, वैदिक गुरुकुलम् तथा वैदिक कन्या गुरुकुलम् के समस्त अधिकारीगण, प्राध्यापक, आचार्य, गैर-शैक्षणिक कर्मचारीगण व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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