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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कोविड गाइडलाइंस के अनुरूप हुआ योग- योगी रजनीश


ॐ आरोग्यं योग मंदिर ट्रस्ट द्वारा योगी रजनीश के सानिध्य में आज सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर योग जागृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ॐ आरोग्यं योग मंदिर ट्रस्ट द्वारा योगी रजनीश के सानिध्य में आज सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर योग जागृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सीमित संख्या के साथ कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक जी डॉ राजेंद्र पाराशर, विकास तिवारी, डॉ संध्या शर्मा द्वारा योगी रजनीश जी को शॉल उढ़ाकर किया गया। योग सत्र को संचालित करते हुए योगी रजनीश जी ने सभी देश वासियो को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सभी के लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है कि हम आज अपना सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। इस कोरोना महामारी के चलते योग का महत्व तो पूरा विश्व जान ही चुका है। योग से ना केवल हमें शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है अपितु शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। जहां आज इस महामारी के कारण चारों ओर त्राहि मची हुई है वही योग एवं आयुर्वेद एक आशा की किरण के रूप में सामने आए हैं। योग हमें नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर ले जाता है जिसकी आज बहुत अधिक आवश्यकता है। आगे योगी रजनीश ने कहा कि कोरोना के कारण गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी योग दिवस पर कोई बड़ा आयोजन नहीं हो पाया किन्तु लोगों के अंदर उत्साह की कमी नहीं आई है अपितु योग के प्रति जागरूकता और अधिक बढ़ गयी है। इस वर्ष की थीम ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’ के अनुसार लोग अपने अपने घरों में ही परिवार के साथ योग कर रहे हैं। परिवार के साथ इस समय योग बहुत आवष्यक है क्योकि कोविड के कारण लोगो का मन अषांत एवं परेषान है जिसको हम योग अभ्यास करके ही षांत कर सकते है। परिवार के साथ होने से हमे षक्ति मिलती है। योगी रजनीश ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए योग प्रोटोकाॅल के आसनों का अभ्यास कराया जिसमें स्कंध चालन, वृक्षासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, त्रिकोणासन, पादहस्तासन आदि के साथ कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया साथ ही उन्होंने बताया की योग हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। हमारे ऋषि-मुनियों ने हमें योग के प्राकृतिक उपहार से परिपूर्ण किया। योग अनादि काल से चलती हुई आ रही एक ऐसी विधा है जिसके द्वारा हम दैनिक जीवन में अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं मन को षांत रख सकते हैं। आगे योग के पांच आयामों को योगिक लाइफ नाम से वर्णित करते हुए योगी रजनीष जी ने बताया कि पहला योग आसन, दूसरा प्राणायाम, तीसरा आहार, चैथा व्यवहार और पांचवा ध्यान है। यदि हम इन पांचों आयामों का दैनिक जीवन में पालन करते हैं तो मनुष्य एक श्रेष्ठ जीवन जी सकता है। योग की एक परम परिभाषा को प्रेषित करते हुए उन्होंने बताया कि उत्तम जीवनशैली जीने का नाम योग है और यदि इन पांचों आयामों का प्रतिदिन अभ्यास किया जाए तो निश्चित ही एक उत्तम जीवन शैली को प्राप्त किया जा सकता हैं। मदन कौशिक जी ने कहा कि हम योगी रजनीश जी का धन्यवाद करते हैं जिनके सानिध्य में हम सबने आज कोविड गाइडलाइन्स का पालन करते हुए योग का लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि हमे पूर्ण विश्वास है कि योग को अपने जीवन में अपनाकर सभी लोग शीघ्र ही कोरोना महामारी को हराकर पूर्ण रूप से स्वस्थ लाभ प्राप्त करेंगें। योग सत्र में डाॅ.राजेन्द्र पाराशर, डाॅ.महेन्द्र राणा, विकास तिवारी, डाॅ.संध्या शर्मा, अर्चना शर्मा, मिनाक्षी पाराशर, ओश्विन शर्मा, यशस्वी, मोनिका पुनानी आदि ने भाग लिया।

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