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"कोर्ट व शासनादेश की धज्जियाँ उड़ाकर हरिद्वार में बेख़ौफ़ भूमाफिया करोड़ों/अरबों की सरकारी संपतियों पर सफेदपोश नेताओं व अधिकारियों के साथ मिलकर कर रहे कब्जे"


धर्म नगरी में बेख़ौफ़ भूमाफिया धर्म की आड़ में कोर्ट व शासनादेश की धज्जियाँ उड़ाकर करोड़ों/अरबों की सार्वजनिक सम्पतियों पर सफेदपोश नेताओं व अधिकारियों से गठजोड़ कर कब्जे कर रहे हैं|

रिपोर्ट  - à¤…जय शर्मा

हरिद्वार(अजय शर्मा) धर्म नगरी में बेख़ौफ़ भूमाफिया धर्म की आड़ में कोर्ट व शासनादेश की धज्जियाँ उड़ाकर करोड़ों/अरबों की सार्वजनिक सम्पतियों पर सफेदपोश नेताओं व अधिकारियों से गठजोड़ कर कब्जे कर रहे हैं विडम्बना देखिये की जिन सरकारी महकमों पर सरकारी संपत्ति को सुरक्षित रखने व कोर्ट के आदेशों के साथ शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी है वही माफिया के साथ लिप्त हो उन्हें बढ़ावा दे आपराधिक षड्यंत्र में लिप्त हो रहे हैं। आपको बता दें कि समय-समय पर माननीय उच्चतम न्यायालय व माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए सार्वजनकि सम्पतियों को अबैध कब्जों से मुक्त कराने के आदेश पारित किए हुए हैं इतना ही नहीं उत्तखण्ड शासन की प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने भी दिनाँक 29 जून 2015 को सार्वजनिक स्थलों एवं सरकारी भूमि पर अतिक्रमण व अनधिकृत निर्माणों के सम्बंध में शासनादेश जारी कर समस्त जिलों के जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को आदेशित किया हुआ है कि-- माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में अत्यंत रोष व्यक्त किया गया है सार्वजनिक भूमि तथा नदियों के किनारे पर होने वाले अतिक्रमण तथा अनाधिकृत निर्माणों की स्थापना से यहाँ एक और अव्यवस्था एवं अराजकता की सिथति उतपन्न हो रही है इसके साथ ही समाज मे भी रोष उत्तपन्न हो रहा है। उपरोक्त को दृष्टिगत मुझे कहने का निदेश हुआ है कि सार्वजनिक भूमि पर हुए अतिक्रमण के सम्बंध में सम्बंधित क्षेत्रों के थानाध्यक्षों को जबाबदेह बनाया जाए तथा ऐसे समस्त प्रकरणों की जानकारी समय-समय पर सम्बंधित जिलाधिकारी एवं एसएसपी/एसपी को दी जाय और उनके स्तर पर इसकी संयुक्त रूप से समीक्षा की जाय। लेकिन उपरोक्त सम्बन्ध में जारी शासनादेश व कोर्ट के आदेश हरिद्वार में धूल फाँकते नज़र आ रहे हैं कुम्भ मेला हेतू आरक्षित/सार्वजनिक भूमि पर अबैध कब्जों की भरमार है इसी क्रम में संत बाहुल्य क्षेत्र भुप्तवाला सप्तसरोवर मार्ग पर एक संस्था ने धर्म की आड़ में कब्जा कर लिया है सूचना अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार ये संपति सिंचाई विभाग की है सिंचाई विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार" ऋषिकुंज आश्रम ट्रस्ट" ने चार दिवारी बनाकर इस बेशकीमती करोड़ों की संपत्ति पर अतिक्रमण किया है यहाँ बिडम्बना यह है कि सम्बंधित विभाग और उसके अधिकारियों ने आज तक अबैध कब्जे वाली इस भूमि को अपने कब्जे में नहीं लिया है इतना ही नहीं इस संस्था ने सिंचाई विभाग से गठजोड़ करने के बाद बड़ी आसानी से विद्युत कनेक्शन भी ले लिया है चर्चा है कि इस क्षेत्र के सफेदपोश नेता ने नगर निगम में भी साँठगाँठ कर सरकारी अभिलेखों/कर निर्धारण खातों में संस्था का नाम दर्ज करा दिया है।

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