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श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्धता का मार्ग प्रशस्त - श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी


हे0न0ब0गढवाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने जारी की अनापत्ति प्रमाणपत्र, इस सत्र से प्रथम सेमैस्टर के छात्र-छात्रा श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में ले सकेगें प्रवेश ।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार 6 जुलाई अन्ततः हे0न0ब0गढवाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने नवीन सत्र 2021-22 हेतु सम्बद्ध महाविद्यालयों को अनापत्ति प्रमाणपत्र निर्गत कर दिये है जिसमें कई दिनों से चला आ रहा असमंजस समाप्त हो गया है। अब नवीन सत्र के प्रवेशार्थी छात्र-छात्राएं राज्य विश्वविद्यालय श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हो जायेगें। एस0एम0जे0एन0 पी0जी0 काॅलेज के प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष मंहन्त श्री रविन्द्र पुरी जी ने कहा कि अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने से श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्धता का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे विगत कई दिनों से चला आ रहा उहापोह का वातावरण समाप्त हो गया है। यहाॅ यह उल्लेखनीय है कि हे0न0ब0गढवाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 16 अशासकीय महाविद्यालयों को राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होना है , उनकी प्रक्रिया में तीव्र प्रगति हुई है। जिन महाविद्यालयों ने असम्बद्ध होने के लिए गढवाल विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र हेतु आवेदन किया था उनको अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किये जा चुके हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार एस0एम0जे0एन0 पी0जी0काॅलेज , हरिद्वार एवं हर्ष विद्या मंदिर पी0जी0 काॅलेज, रायसी को हे0न0ब0 गढवाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र निर्गत हो चुके हैं। एस0एम0जे0एन0 पी0जी0 काॅलेज , हरिद्वार के प्राचार्य डाॅ0 सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि महाविद्यालय द्वारा श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है। साथ ही हर्ष विद्या मंदिर पी0जी0 काॅलेज , रायसी के प्राचार्य डाॅ0 राजेश पालीवाल ने भी जानकारी दी कि उनके महाविद्यालय को भी हे0न0ब0गढवाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रंमाण पत्र प्राप्त हो चुका है तथा महाविद्यालय द्वारा राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है। डाॅ0 सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होने पर राज्य सरकार की कई योजनाओं का लाभ महाविद्यालयों को मिलेगा। दोनों महाविद्यालयों ने अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ0 धनसिंह रावत जी का आभार व्यक्त किया।

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