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"अरबों खर्च करने पर भी प्रदूषण मुक्त नहीं हुई गँगा" नेताओं, ठेकेदारों व अधिकारियों की तिकड़ी का कारनामा"-नमामि गंगे योजना में लगाया करोड़ों का चूना"


आरोप है कि इस योजना में पेयजल निगम के चर्चित महाप्रबंधक ने दिल्ली व प्रदेश में बैठे सफेदपोश नेताओं के इशारे पर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ग़ैर विधिक रूप से टेंडर आदि कर अयोग्य व्यक्तियों को परियोजना के कार्यों के ठेके देकर भारी भरकम धनराशि ठिकाने लगा दी जिस कारण इस योजना का लाभ न तो गँगा को हुआ और न ही आमजन को।

रिपोर्ट  -  अजय शर्मा

हरिद्वार(अजय शर्मा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांशी योजना"नमामि गंगे प्रोजेक्ट में किस तरह नेताओं,ठेकेदारों व अधिकारियों की तिकड़ी ने करोड़ों/अरबों रुपये ठिकाने लगा दिए इसकी बानगी देखिये.आरोप है कि इस योजना में पेयजल निगम के चर्चित महाप्रबंधक ने दिल्ली व प्रदेश में बैठे सफेदपोश नेताओं के इशारे पर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ग़ैर विधिक रूप से टेंडर आदि कर अयोग्य व्यक्तियों को परियोजना के कार्यों के ठेके देकर भारी भरकम धनराशि ठिकाने लगा दी जिस कारण इस योजना का लाभ न तो गँगा को हुआ और न ही आमजन को। मां गँगा के उद्गम स्थल देवभूमि में अधिकारी पूरी तरह बेलगाम होते जा रहे हैं प्रदेश में नेता,ठेकेदार व अधिकारियों का गठजोड़ "जनधन"का खुले रूप से दुरुपयोग कर रहा है ऐसा प्रतीत होता है कि इनके लिए महत्वकांशी योजनाएं,गँगा व आमजन कोई मायने नहीं रखते बता दें कि तीर्थ नगरी हरिद्वार में गँगा को निर्मल व स्वच्छ रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने नमामि गंगे अभियान की शुरुआत की थी ताकि गँगा प्रदूषण मुक्त हो सके इस अभियान के तहत पांडेवाला ज्वालापुर, गोल गुरुद्वारा, ऋषिकुल के साथ पीडब्ल्यूडी सीवेज पंपिंग स्टेशन व एसटीपी जगजीतपुर का निर्माण कराया गया उपरोक्त कराये गए निर्माणों की"गारंटी,वारंटी बनावट एवं डिजाइन 15 बर्षों के लिए निर्धारित की गई थी लेकिन निर्माण के 2 बर्ष बाद ही भ्रष्ट अधिकारीयों ने बिना किसी कारण पंपिग स्टेशनों के नवीनीकरण पर पुनः करीब 16 करोड़ रुपये अपने आकाओं के आदेश पर ठिकाने लगा दिए हैं जब इस संबंध में" आल न्यूज़ भारत"ने अधिकारियों से ये जानना चाहा कि जब 15 बर्षों की क्षमता वाले पंपिग स्टेशन आपके पास उपलब्ध थे तो आपने करोड़ों रुपये नवीनीकरण के नाम पर किस आधार पर खर्च किये हैं | इस पर अधिकारी कहते हैं कि सीवरेज की मात्रा बढ़ने के कारण इन पंपिंग स्टेशनों का नवीनीकरण किया गया है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत बनाये गए पंपिग स्टेशनों का उद्देश्य यही था कि भविष्य में गँगा में सीवेज खुले में न जाने पाए लेकिन आज भी करोड़ों/अरबों रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी लगातार उपरोक्त स्थलों के अतिरिक्त अन्य स्थलों पर भारी मात्रा में सिवरयुक्त जल/मल/पशु पक्षियों का खून उनके अंग खुले रूप पवित्र मोक्षदायनी गँगा में समाहित हो रहे हैं।

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