Latest News

’’हरेला पर्व" पर हरिद्वार गंगा वाटिका में गन्ना विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने किया वृहद् वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ


हरिद्वार वन प्रभाग, कनखल से वृहद् वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर बोलते हुये मंत्री यतीश्वरानन्द ने प्राकृतिक वातावरण का उल्लेख करते हुये कहा कि प्रकृति के बीच में रहने का अपना एक अलग ही आनन्द है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। भाषा, पुनर्गठन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री, यतीश्वरानन्द भाषा, पुनर्गठन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग तथा ग्राम्य विकास, जिलाधिकारी सी0 रविशंकर, डी0एफ0ओ0 नीरज कुमार ने पर्यावरण को समर्पित ’’हरेला पर्व’’ के अवसर पर गंगा वाटिका, हरिद्वार वन प्रभाग, कनखल से वृहद् वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर बोलते हुये मंत्री यतीश्वरानन्द ने प्राकृतिक वातावरण का उल्लेख करते हुये कहा कि प्रकृति के बीच में रहने का अपना एक अलग ही आनन्द है। उन्होंने कहा कि जब आप पेड़ के नीचे बैठे होते हैं, तो उस समय मन को काफी सुकून मिलता है। उन्होंने कहा कि मैं मकान से भी ज्यादा महत्व पेड़ को देता हूं। इसीलिये मैं मकान बनाने से पहले पेड़ लगाता हूं। उन्होंने कहा कि हमें केवल पेड़ लगाने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिये, बल्कि उस पेड़ की पूरी देखभाल व जिम्मेदारी भी लेनी चाहिये, तभी वह पेड़ पुष्पित व पल्लवित होगा। उन्होंने संस्थाओं/लोगों से अधिक से अधिक मात्रा में वृक्ष लगाने का आह्वान किया। जिलाधिकारी सी0 रविशकर ने कहा कि हमने हरेला पर्व से सम्पूर्ण जनपद में पूरे जुलाई माह में वृक्ष लगाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण अभियान को पूरे योजनाबद्ध ढंग से चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत ऐसी जगहों-स्मृति वन, कार्यालय परिसर तथा जहां पर ट्री गार्ड की व्यवस्था होगी, को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि तटबन्धों के आसपास भी पेड़ पेड़ लगाने की हमारी योजना है, जो हमें बाढ़ जैसी आपदाओं को कम करने में मदद कर सकता है। डी0एफ0ओ0 नीरज कुमार ने कहा कि वृक्षों के महत्व से हम सभी परिचित हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि हमारी कथनी और करनी में अन्तर नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि अगर हम मन में पेड़ लगाने के बारे में सोचते हैं, तो उसे हमें धरातल पर उतारना भी होगा। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक पेड़ लगाने के साथ ही उसके संरक्षण पर भी ध्यान देने को कहा। इस अवसर पर इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन के स्वामी दयाधीपानंद, वैध एम०आर0 शर्मा श्री गुरुकृपा औषधालय, हरेला पर्व खुशहाली, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, धनधान्य एवं हरियाली का प्रतीक है। ऋग्वेद में कृषि कणत्व अर्थात खेती करो के तहत हरेले का उल्लेख है। हरेला पर्व पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक है। इस पर्व से मौसम को पौधरोपण के लिये उपयुक्त माना जाता है।

ADVERTISEMENT

Related Post