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उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तवाही तीन की मौत, चार लापता


बादल फटने से गांव मांडो, निराकोट, पनवाड़ी और कंकराड़ी के आवासीय घरों में पानी घुस गया। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो चुकी है और चार लोग लापता बताये जा रहे है|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

उत्तरकाशी। यहां देर रात बादल फटने के कारण तीन लोगों की मौत हो चुकी है, तो अभी चार लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। जबकि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बचाव और राहत कार्य में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि बादल फटने की ये घटना उत्तरकाशी के मांडो गांव में कल देर रात हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है। वहीं, अब भी चार लोग लापता हैं। इसके अलावा निराकोट, पनवाड़ी और कंकराड़ी के आवासीय घरों में पानी घुसने से भी हड़कंप मचा हुआ है.उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रविवार देर शाम उत्तरकाशी जनपद के ग्राम कंकराड़ी, मांडों में अतिवृष्टि, बादल फटने की दुःखद घटना हुई है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंच गयी है। डीएम को राहत और बचाव कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए हैं। ईश्वर से प्रभावितों की कुशलता की कामना करता हूं। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण भागीरथी नदी समेत गाड़-गदेरे उफान पर आ गए हैं। जबकि बादल फटने से गांव मांडो, निराकोट, पनवाड़ी और कंकराड़ी के आवासीय घरों में पानी घुस गया। इस दौरान तीन लोगों की मौत होने से हड़कंप मच गया। जबकि चार लोगों के लापता होने से भी ग्रामीण दहशत में हैं। इस बारे में एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर जगदंबा प्रसाद ने कहा कि इस घटना में तीन लोगों की मौत हुई, तो चार लोग लापता हैं. हमारा ऑपरेशन अभी जारी रहेगा। टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक में बादल फटने से 4-5 घर तबाह होने की खबर से दहशत फैल गई है। फिलहाल रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। वहीं अगले 24 घंटे में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जैसे जिलों में अत्यंत भारी बारिश की संभावना है इस बाबत मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।उधर, प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर पिछले तीन दिन से रूक-रूक कर लगातार जारी बारिश से गंगा, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर, नंदाकिनी, टोंस, सरयू, गोरी, काली, रामगंगा आदि सभी नदियां उफान पर हैं।जिनकी सतत निगरानी की जा रही है। वहीं, अनेक स्थानों पर भारी बारिश से भूस्खलन होने से अनेक मार्ग यातायात के लिए अवरूद्ध हैं। जिन्हें खोलने के प्रयास जारी हैं. जबकि कई स्थानों पर अतिवृष्टि से मकानों और खेतों में मलबा भी घुस आया है।

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