जनपद चमोली के परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में इस समय करीब 600 काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° मछली पालन से अचà¥à¤›à¥€ आजीविका अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ कर रहे है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
चमोली 22 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ,2021, पहाड में à¤à¥€ मतà¥à¤¸à¥à¤¯ पालन धीरे धीरे मजबूत आजीविका का साधन बनने लगा है। जनपद चमोली के परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में इस समय करीब 600 काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° मछली पालन से अचà¥à¤›à¥€ आजीविका अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ कर रहे है। यहां की मछलियों की उपयोगिता के कारण आज न केवल राजà¥à¤¯ अपितॠबाहरी पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ यहां की मछलियों की डिमांड काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को मिलने लगी है इसको लेकर à¤à¥€ अब काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में मछली पालन के लिठखासा उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ दिखने लगा है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड सरकार ने à¤à¥€ ‘à¤à¤• जनपद à¤à¤• उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ योजना’ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त जनपद चमोली को मछली उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ हेतॠचयनित किया है। सहायक निदेशक मतà¥à¤¸à¥à¤¯ जगदमà¥à¤¬à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° बताते है कि पिछले दो तीन सालों से जिले में मतà¥à¤¸à¥à¤¯ पालन को लेकर किसानों का रूà¤à¤¾à¤¨ बढ रहा है। वरà¥à¤· 2017 में 200 काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° मछली पालन से जà¥à¥œà¥‡ थे जबकि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में 600 से अधिक लोग काॅरà¥à¤ª à¤à¤µà¤‚ टà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤Ÿ मछली का पालन कर सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤œà¤—ार कर रहे है। वरà¥à¤· 2017 से 2021 की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में आज मतà¥à¤¸à¥à¤¯ बिकà¥à¤°à¥€ से आय 60 लाख से बढकर 1.50 करोड़ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· तक पहà¥à¤‚च चà¥à¤•à¥€ है। सहायक निदेशक बताते है कि जनपद में शीतजलमतà¥à¤¸à¤¿à¤•à¥€ के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से अनà¥à¤•à¥‚ल वातावरण मौजूद है और इससे किसानों को अचà¥à¤›à¤¾ फायदा मिल रहा है। बैरांगना à¤à¤µà¤‚ तलवाडी हैचरी से सà¤à¥€ पहाड़ी जनपदों को टà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤Ÿ मछली का बीज आपूरà¥à¤¤à¤¿ किया जाता है। जहां से 7-8 लाख मतà¥à¤¸à¥à¤¯ बीज का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¤µà¤‚ विपणन किया जा रहा है। इससे करीब 70 से 80 लाख पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· का राजसà¥à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो रहा है। सहायक निदेशक ने बताया कि जिलाधिकारी सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¤¸ à¤à¤¦à¥Œà¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से जनपद के मतà¥à¤¸à¥à¤¯ पालकों को मछली बिकà¥à¤°à¥€ के लिठफिश आउटलेट वैन à¤à¤µà¤‚ फिश कैफे à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ कराया गया है। इसके अलावा मतà¥à¤¸à¥à¤¯ पालन के लिठकाशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को निरतंर पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया गया है। फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प आज बडी संखà¥à¤¯à¤¾ में काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° मछलियों का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ कर जिले के बाहर à¤à¥€ मछलियों की आपूरà¥à¤¤à¤¿ कर रहे है। किसानों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जिले से बाहर उतराफिश नाम से मछलियों का विकà¥à¤°à¤¯ किया जा रहा है। जबकि राजà¥à¤¯ से बाहर दिलà¥à¤²à¥€ में फà¥à¤°à¥‡à¤¶ à¤à¤‚ड फà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ तथा मà¥à¤‚बई में सà¥à¤µà¥€à¤Ÿ सà¥à¤Ÿà¤« जैसे नामी à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों के माधà¥à¤¯à¤® से यहां की मछली बेची जा रही है। बडे शहरों के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ किसानों से मछली कà¥à¤°à¤¯ कर रहे है। जिससे किसानों को अपने घर-तालाब पर ही मछली के अचà¥à¤›à¥‡ दाम मिल रहे है।