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" हरिद्वार विश्व विख्यात हरकी पैड़ी पर ये कैसी व्यवस्था?


तीर्थ नगरी की धड़कन कहे जाने जाने वाली हरकी पौड़ी की व्यवस्था दिन प्रतिदिन सुधरने की बजाय बिगड़ती जा रही है इस अतिमहत्त्वपूर्ण क्षेत्र में अव्यवस्थाओं के चलते आये दिन कोई ना कोई घटना होती है जिससे तीर्थ नगरी की देश- विदेश में मर्यादा तो भंग हो ही रही है|

रिपोर्ट  - à¤…जय शर्मा

हरिद्वार( अजय शर्मा) तीर्थ नगरी की धड़कन कहे जाने जाने वाली हरकी पौड़ी की व्यवस्था दिन प्रतिदिन सुधरने की बजाय बिगड़ती जा रही है इस अतिमहत्त्वपूर्ण क्षेत्र में अव्यवस्थाओं के चलते आये दिन कोई ना कोई घटना होती है जिससे तीर्थ नगरी की देश- विदेश में मर्यादा तो भंग हो ही रही है इसके साथ ही इस क्षेत्र में भारी अव्यवस्थाओं के कारण यहाँ आने वाले तीर्थ श्रदालुओं को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है इन परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा लगता है कि देवभूमि की सरकार व स्थानीय पुलिस प्रशासन को तीर्थ श्रदालुओं व इस तीर्थ क्षेत्र से कोई सरोकार नहीं है। आपको बता दें कि माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड ने एक जनहित याचिका पर दिनाँक-03/01/2012 को आदेश पारित करते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इस क्षेत्र की सुचारू व्यवस्था का जिम्मा सौंपा था उस समय स्थानीय नागरिको को यह उम्मीद जगी थी कि अब न्यायालय के आदेश पर इस क्षेत्र की अव्यवस्थाओं में सुधार होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और यहाँ की व्यवस्थाये दिन ब दिन बिगड़ती जा रही हैं इस क्षेत्र में अनेक मंदिर बेचे जा चुके हैं शेष मंदिर ठेके पर चल रहे हैं अब जूता स्टाल की जगह प्रभावशाली लोगों ने मंदिर बना दिये हैं तो फुटपाथ पर सड़क किनारे अतिक्रमण कर पक्के निर्माण करा दिए गए हैं सड़कों पर व गँगा घाटों पर अबैध पार्किंग बन चुकी हैं जगह जगह लगे कूड़े के ढेर व अतिक्रमणों से स्थानीय लोगो व तीर्थ श्रदालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन अव्यवस्थाओं के देखते हुए ऐसा लगता है कि उत्तराखण्ड की सरकार व उसके अधिकारीगण के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय माननीय उच्च न्यायालय के आदेश कोई मायने नहीं रखते और इन्हें तीर्थ की मर्यादा व आस्थावान तीर्थ श्रदालुओं से कोई सरोकार नहीं।

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