मां मनसा देवी मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ पंचायती अखाड़ा शà¥à¤°à¥€ निरंजनी के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ गà¥à¤°à¥ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤£ व आसà¥à¤¥à¤¾ का परà¥à¤µ है। अनादिकाल से ही सनातन धरà¥à¤® में आषाॠमास की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ परà¥à¤µ के रूप में मनाया जाता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° मां मनसा देवी मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ पंचायती अखाड़ा शà¥à¤°à¥€ निरंजनी के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ गà¥à¤°à¥ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤£ व आसà¥à¤¥à¤¾ का परà¥à¤µ है। अनादिकाल से ही सनातन धरà¥à¤® में आषाॠमास की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ परà¥à¤µ के रूप में मनाया जाता है। गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ परà¥à¤µ पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤¤à¤‚ रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने चरणपादà¥à¤•à¤¾ मंदिर में पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मदन कौशिक, पूरà¥à¤µ बà¥à¤²à¥‰à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अनिल मिशà¥à¤°à¤¾, यà¥à¤µà¤¾ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ नेता शमिक मिशà¥à¤°à¤¾ सहित कई लोगों ने चरण पादà¥à¤•à¤¾ मंदिर पहà¥à¤‚चकर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज से आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया। कोरोना के चलते अधिक संखà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ नहीं पहà¥à¤‚च पाये। मंदिर के सेवादार, शिषà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज की पूजा कर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को आशीरà¥à¤µà¤šà¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि शिवपà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अठà¥à¤ ाईसवें दà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤° में इसी दिन à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के अंशावतार वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ का जनà¥à¤® हà¥à¤† था। चारों वेदों का बृहद वरà¥à¤£à¤¨ करने और वेदों के सार बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥‚तà¥à¤° की रचना करने के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प ही ये महरà¥à¤·à¤¿ वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ नाम से विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ हà¥à¤à¥¤ इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित 18 पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ की à¤à¥€ रचना की। जिनमें शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत महापà¥à¤°à¤¾à¤£ जैसा अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थ à¤à¥€ है। इस दिन जगतगà¥à¤°à¥ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ सहित अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤“ं की à¤à¥€ पूजा की जाती है। सादा जीवन, उचà¥à¤š विचार गà¥à¤°à¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ का मूल मंतà¥à¤° था। तप और तà¥à¤¯à¤¾à¤— ही उनका पवितà¥à¤° धà¥à¤¯à¥‡à¤¯ था। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि आजकल हरकी पैड़ी व अनà¥à¤¯ गंगा घाटों पर हà¥à¥œà¤¦à¤‚ग, नशा करने जैसे मामले सामने आ रहे हैं। ये बहà¥à¤¤ गलत और धरà¥à¤® के विपरीत आचरण है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं से अपील करते हà¥à¤ कहा कि गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने आà¤à¤‚ तो मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बनाठरखें और गंगा का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करें। शांतिपूरà¥à¤£ तरीके से गंगा पूजन, सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर गंगाजल ले जायें। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मदन कौशिक ने कहा कि गà¥à¤°à¥ शिषà¥à¤¯ परंपरा सदियों से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में चली आ रही है। यह सरà¥à¤µà¤¾à¥‡à¤¤à¥à¤¤à¤® परंपरा है। गà¥à¤°à¥ के बताठमारà¥à¤— पर चलकर ही शिषà¥à¤¯ अपने जीवन को सदà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— की ओर से ले जा सकते हैं। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रामरतन गिरी, राजपà¥à¤°à¥€, धनंजय गिरी, अमृत गिरी, संदीप अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², टीना टà¥à¤Ÿà¥‡à¤œà¤¾, पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• सूरी आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।