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डॉ मीनू पाराशर द्वारा लिखित पुस्तक "मेरी उड़ान" का विमोचन


डॉक्टर मीनू पाराशर द्वारा लिखित मानवीय मूल्यों पर आधारित पुस्तक मेरी उड़ान का आयुर्वेद विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी एसएम जैन डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक मिश्र डॉ अजय पाठक योगी रजनीश डॉ राजेंद्र पाराशर की गरिमामय उपस्थिति में हुआ विमोचन ।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

डॉक्टर मीनू पाराशर द्वारा लिखित मानवीय मूल्यों पर आधारित पुस्तक मेरी उड़ान का आयुर्वेद विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी एसएम जैन डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक मिश्र डॉ अजय पाठक योगी रजनीश डॉ राजेंद्र पाराशर की गरिमामय उपस्थिति में हुआ विमोचन । कनखल की प्रख्यात धार्मिक संस्था जगद्गुरु आश्रम में डॉ मीनू पाराशर मानसी द्वारा लिखित पुस्तक "मेरी उड़ान" का जगदगुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम जी महाराज के कर कमलों द्वारा विमोचन किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील जोशी, एसएम जैन कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक मिश्र, डॉ अजय पाठक, डॉ राजेंद्र पाराशर, डॉ नागेंद्र पाराशर ,योगी रजनीश, आचार्य नरेश उपस्थित रहे। इस अवसर पर जगदगुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम जी महाराज ने डॉ मीनू पाराशर मानसी को उनके द्वारा लिखित मेरी उड़ान पुस्तक के विमोचन के लिए आशीर्वचन दिया। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी ने कहा कि मेरी उड़ान पुस्तक मानवीय मूल्यों पर आधारित पुस्तक है जिसमें डॉ मीनू पाराशर ने भारत भूमि से दूर रहकर भी देश की पावन रज अपने हृदय में बसाकर भारत के साहित्य की सेवा की यह बहुत बड़ी बात है आजकल की युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही है ऐसे में देश व हरिद्वार की बेटी ने विदेश में भी रहकर मां भारती हिन्दी की सेवा की है और विदेशों में रहने वाले लोगों को हिंदी भाषा की ओर आकर्षित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि साहित्य के द्वारा आने वाली पीढ़ी को अपनी पुस्तक के द्वारा डॉक्टर मीनू पाराशर ने बताया कि हमें सभी के साथ कुशल अच्छा व्यवहार करना चाहिए इस भागदौड़ की जिंदगी में पुस्तक के द्वारा लोगों को काफी कुछ समझने को मिलेगा। मेरी उड़ान पुस्तक की के विमोचन के अवसर पर एसएम जैन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक मिश्र ने डॉ मीनू को मानवीय मूल्यों पर आधारित पुस्तक लिखने के लिए साधुवाद देते हुए कहा कि समाज को जिस पुस्तक की इस आधुनिक दौर में आवश्यकता है उस पुस्तक को समाज को समर्पण कर युवाओ व समाज में गिरती मानवीय मूल्यों की साख को बचाने का काम किया है। डॉ अजय पाठक ने कहा कि प्रिय शिष्या डा मीनू की समस्त कविताएं समसामयिक घटनाओं से साक्षात्कार करती जीवंत प्रतीत होती हैं जो अति प्रशंसनीय है कविताओं में इनकी विशिष्ट अद्भुत शैली भविष्य की ऊंचाइयों का परिचय दे रही है इनके पास सजगता सहजता सरलता की दिव्य शक्ति है जिस दिन यह बोध पूर्णता को प्राप्त करेंगी उस दिन सर्वश्रेष्ठता दरवाजे पर होगी। डॉ राजेंद्र पाराशर ने कहा कि डॉ मीनू पाराशर विदेश में अनेक वर्ष व्यतीत करने के पश्चात भी वह भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रही हैं यह सराहनीय है पुरातन आदर्शों का स्मरण करना आज अति आवश्यक हो गया है डॉ मीनू ने अपने द्वारा लिखी गई पुस्तकों में भारत की सनातन संस्कृति सनातन धर्म व हिंदी भाषा को महत्वपूर्ण स्थान दिया है जिसके लिए डॉ मीनू साधुवाद की पात्र हैं।इस इस अवसर पर समाजवादी नेता लव कुमार दत्ता, श्रवण शंखधर, पुष्पेंद्र पाराशर डॉक्टर संध्या शर्मा, आंचल शर्मा लक्ष्मी पाराशर मीनाक्षी पाराशर सचिन मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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