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पतंजलि योगपीठ में आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिवस जड़ी-बूटी दिवस के रूप मनाया


आचार्य बालकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ जड़ी-बूटी दिवस के रूप में पतंजलि योगपीठ स्थित योगभवन सभागार में मनाया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने आचार्य को जन्म दिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि पतंजलि के इस अनुष्ठान, इस राष्ट्रव्यापी आन्दोलन के पीछे आचार्य की अग्रणी भूमिका है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 04 अगस्त। आचार्य बालकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ जड़ी-बूटी दिवस के रूप में पतंजलि योगपीठ स्थित योगभवन सभागार में मनाया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने आचार्य को जन्म दिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि पतंजलि के इस अनुष्ठान, इस राष्ट्रव्यापी आन्दोलन के पीछे आचार्य की अग्रणी भूमिका है। पतंजलि के विविध आयाम हैं तथा प्रत्येक आयाम के पीछे आचार्य का अभुतपूर्व योगदान है। आचार्य पतंजलि योगपीठ के शिल्पी हैं। पतंजलि प्रकृति, संस्कृति व विज्ञान की त्रिवेणी का उद्घोषक रहा है। प्रत्येक वर्ष जन्मदिवस पर पतंजलि के माध्यम से औषधीय पौधों का निःशुल्क वितरण किया जाता है। इसी श्रृंखला में आज गिलोय, आँवला, अश्वगंधा, नीम व तुलसी के करोड़ों औषधीय पौधों का निःशुल्क वितरण पूरे देश में पतंजलि योग समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। ये सारी जड़ी-बूटियाँ आल्हादित हैं कि एक युग नायक, युग पुरोधा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के द्वारा लोकोपकार में लगा है। इस समय जब चारों ओर से मानवता पर कम्युनिकेबल और नॉन कम्युनिकेबल डिज़ीज (बैक्टिरियल, लाइफ स्टाइल, फंगल, जेनेटिक व इन्क्योरेबल डिज़ीज) के रूप में बहुत बड़ा संकट आया है, रोग रूपी शत्रु घात लगाकर बैठे हैं, ऐसे समय में गिलोय, नीम, अश्वगंधा, तुलसी आदि जब घर-घर में होंगी तो मेडिकल टेरेरिज्म समाप्त होगा। साथ ही आज पूरे देश में पतंजलि के कार्यकर्ताओं द्वारा रक्तदान का कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। उन्होंने रक्तदान, जड़ी-बूटी रोपण और अंगदान के लिए देशवासियों से आह्वान किया।

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