देश के पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ पाणिनी आचारà¥à¤¯ किशोरीदास वाजपेयी की 41वीं पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कà¥à¤²à¤¬ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में उनकी करà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ कनखल जाकर पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€ वाजपेयी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚ सà¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किये।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ देश के पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ पाणिनी आचारà¥à¤¯ किशोरीदास वाजपेयी की 41वीं पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कà¥à¤²à¤¬ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में उनकी करà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ कनखल जाकर पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€ वाजपेयी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚ सà¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किये। इसके बाद पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कà¥à¤²à¤¬ परिसर में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ वाजपेयी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर à¤à¥€ मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी गई। आज सवेरे हिनà¥à¤¦à¥€ मनीषी आचारà¥à¤¯ किशोरी दास वाजपेयी को याद करने के लिठहरिदà¥à¤µà¤¾à¤° पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कà¥à¤²à¤¬ के सदसà¥à¤¯ कनखल पहà¥à¤‚चे। पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कà¥à¤²à¤¬ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· राजेनà¥à¤¦à¥à¤° नाथ गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ कनखल वासियों के दिलों में आज à¤à¥€ वाजपेयी से जà¥à¥œà¥€ यादें बसी हैं। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ नहीं जा सकता है। वाजपेयी का चेहरा à¤à¤µà¤‚ उनकी तनी मूंछें और कड़क आवाज आज à¤à¥€ कनखल के लोगों के जहन में है। महासचिव राजकà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि आचारà¥à¤¯ जी सबके गौरव हैं हमारा सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है कि हमें इतने महान वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की करà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में कारà¥à¤¯ करने का मौका मिला है। आचारà¥à¤¯ किशोरी दास वाजपेयी ने हिनà¥à¤¦à¥€ को वैयाकरणीय à¤à¤¾à¤·à¤¾ साबित करने के लिठकई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक कनखल में साहितà¥à¤¯ साधना की इसलिठवाजपेयी को हिनà¥à¤¦à¥€ का पाणिनी कहा जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिनà¥à¤¦à¥€ शबà¥à¤¦à¤¾à¤¨à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, रस और अलंकार, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का पांचवां अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯, हिनà¥à¤¦à¥€ शबà¥à¤¦ मीमांसा, हिनà¥à¤¦à¥€ निरूकà¥à¤¤, अचà¥à¤›à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ की वरà¥à¤¤à¤¨à¥€ तथा शबà¥à¤¦ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ और सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ नाटक सहित 32 पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ की रचना की। जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो पूरà¥à¤µ में पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कà¥à¤²à¤¬ ने आचारà¥à¤¯ किशोरी दास की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में डाक टिकट जारी करने की मांग की थी साथ ही ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक से हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ की à¤à¤• शोधपीठगà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² कांगड़ी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की मांग की थी। इस मौके पर अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· राजेनà¥à¤¦à¥à¤° नाथ गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, महासचिव राजकà¥à¤®à¤¾à¤°, वरिषà¥à¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° डाॅ. रजनीकांत शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ संजय आरà¥à¤¯, तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤• चनà¥à¤¦ à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ, बालकृषà¥à¤£ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, अमित कà¥à¤®à¤¾à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, महेश पारीक, अवधेश शिवपà¥à¤°à¥€, रामेशà¥à¤µà¤° दयाल शरà¥à¤®à¤¾, सनà¥à¤¦à¥€à¤ª शरà¥à¤®à¤¾, डाॅ. हिमांशॠदà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€, सूरà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤‚त वेलवाल मौजूद रहे।