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राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर सदैव बल देते थे:राज्यपाल


महामहिम राज्यपाल, उत्तराखण्ड श्रीमती बेबी रानी मोर्या ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा प्रेमनगर आश्रम हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि इस आयोजन के माध्यम से स्वदेशी व स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। महामहिम राज्यपाल, उत्तराखण्ड श्रीमती बेबी रानी मोर्या ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा प्रेमनगर आश्रम हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि इस आयोजन के माध्यम से स्वदेशी व स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम को आयोजित करने के लिये स्वदेशी जागरण मंच को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों का स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्वदेशी उत्पाद व विचार आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर सदैव बल देते थे। स्वतंत्रता संग्राम में भी स्वदेशी आंदोलन ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। स्वदेशी से देशभक्ति का भाव आता, अपना देश, अपनी माटी ही हमारी पहचान है, यदि हम स्वदेशी को नहीं अपनाएंगे तो अपनी पहचान को भूल जाएंगे। युवा पीढ़ी में स्वदेशी के माध्यम से राष्ट्रभावना को जाग्रत करने का कार्य स्वदेशी जागरण मंच द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों के निर्माण और विक्रय को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को निःसंदेह समृद्ध बनाया जा सकता है। यदि हमें अपने ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करना हैं तो हमें स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देना होगा। इससे राज्य के पर्वतीय जनपदों में पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। गावों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए हमें महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार हेतु निपुण बनाना होगा। बड़ी संख्या में महिलाएं एव महिला स्वयं सहायता समूह भी स्थानीय उत्पादों के निर्माण से जुड़े हुये हैं। स्थानीय उत्पाद व स्वदेशी विचार अप्रत्यक्ष रूप से महिला सशक्तीकरण से जुड़ा विषय भी है। यदि महिला समूहों द्वारा निर्मित स्वदेशी उत्पादों को पर्याप्त बाजार मिल जाय तो उनके जीवन में बहुत सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। महिलाओं के साथ ही गांव या कस्बे के युवा और किसान को भी स्वदेशी आंदोलन से सहायता मिलती है। हमारे स्थानीय हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योगों के उत्पादों की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है। इन उत्पादों को उचित बाजार व मूल्य मिलना भी जरूरी है ताकि इनसे जुडे किसानों व शिल्पकारों को लाभ मिल सके। स्वदेशी उत्पादों को भी बाजार में जगह बनाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियों से प्रतिस्पर्द्धा करनी होती है। राज्यपाल ने कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण व जल संरक्षण के बारे में भी गम्भीरता से विचार करना होगा। सिंगल यूज प्लास्टिक के विरूद्ध भी जन अभियान चलाना होगा। जागरण मंच द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अपने उद्देश्य में सफल सिद्ध होगा। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा स्वदेशी जागरण मंच एवं स्मृति विकास संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय स्वदेशी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने स्वदेशी प्रदर्शनी में लगाये गये 50 स्टॉलों का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय महिला प्रमुख अमिता जी द्वारा राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरूण ओझा, सहसंयोजक अश्वनी महाजन, आर.एस. सुंदरम, विनोद चौधरी, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपेन्द्र चौधरी, एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस, नगर मजिस्ट्रेट जगदीश लाल आदि उपस्थित थे।

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