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उत्तराखण्ड क्रांति दल की हरिद्वार जिला इकाई का अधिवेशन व जिलाध्यक्ष का चुनाव


निवर्तमान केंद्रीय महामंत्री चौधरी बृजवीर सिंह की अध्यक्षता में संगम होटल में सम्पन्न हुआ।

रिपोर्ट  - 

उत्तराखण्ड क्रांति दल की हरिद्वार जिला इकाई अधिवेशन में केंद्रीय पर्यवेक्षक एवं प्रभारी विजय कुमार बौडाई, निवर्तमान केंद्रीय उपाध्यक्ष रविंद्र वशिष्ठ चुनाव अधिकारी ने जिलाध्याक्ष का चुनाव कराया तथा निवर्तमान केंद्रीय उपाध्यक्षा सरिता पुरोहित ने चुने गये नवीन उक्रांद हरिद्वार जिलाध्यक्ष बल सिंह सैनी को पद की शपथ दिलाई। उत्तराखण्ड क्रांति दल की हरिद्वार जिला अधिवेशन में केंद्रीय पर्यवेक्षक व हरिद्वार प्रभारी विजय कुमार बोडाई की उपस्थिति में हरिद्वार जिलाध्यक्ष बल सिंह सैनी को चुना गया। उक्रांद हरिद्वार जिलाध्यक्ष हेतु बल सिंह सैनी के नाम का प्रस्ताव श्रीमती सरिता पुरोहित (निवर्तमान केंद्रीय उपाध्यक्ष) ने किया, अनुमोदन प्रदीप उपाध्याय व डा0 ज्ञानवीर सिंह एड्वोकेट ने किया तथा सदन में उपस्थित समस्त सदस्यों ने करतल ध्वनि करते हुए सर्वसम्मति से जिलाध्यक्ष हेतु बल सिंह सैनी के नाम का प्रस्ताव को स्वीकृत व पारित और अभिवादन किया। अन्य किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं होने व सदन द्वारा सर्वसम्मति से जिलाध्यक्ष हेतु बल सिंह सैनी के नाम को स्वीकृत व पारित किये जाने पर चुनाव अधिकारी निवर्तमान केंद्रीय उपाध्यक्ष रविंद्र वशिष्ठ ने जिलाध्यक्ष के रूप में बल सिंह सैनी की घोषणा करते हुए बधाई दी। केंद्रीय पर्यवेक्षक व हरिद्वार प्रभारी विजय कुमार बोडाई ने कहा कि बल सिंह सैनी उक्रांद के बहुत पुराने सिपाही रहे हैं इनके नेत्रत्व में हरिद्वार जिला संगठनात्मक व राजनितिक दृष्टि से उक्रांद मजबूत होगा। रविंद्र वशिष्ठ ने कहा कि बल सिंह सैनी की हरिद्वार जिले में खासी पकड़ है इनके जिलाध्यक्ष बनने से छुपे हुए कार्यकर्ता सामने आने की आशा है। सरिता पुरोहित ने कहा कि वह पूर्व में जब लालढांग क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ रहे थे अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं आशा है कि सैनी जी फिर उसी रूप में दिखाई देंगे। चौधरी बृजवीर सिंह ने कहा कि बल सिंह सैनी के जिलाध्यक्ष चुने जाने से पूरे जनपद हरिद्वार के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा क संचार होगा। जिलाधिवेशन में एम डी शर्मा, डॉ राजवीर सिंह पुण्डीर, एस एन बिष्ट, गिरीश मेंदोला, विजय भारद्वाज, डॉ ज्ञानवीर सिंह एडवोकेट, संजय उपाध्याय, प्रताप सिंह, प्रदीप कुमार उपाध्याय, सुनील शर्मा, सुनील कश्यप, पप्पू शर्मा, हरि शंकर उपाध्याय आदि वक्ताओं ने अपने ओजस्वी विचार रखे।

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