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योग में है ड्रग्स से निजात मिलने का मंत्र हरिद्वार


महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव के संरक्षण मे आयोजित ५ दिवसीय राष्टीर्य कार्यशाला 'ड्रगलेस थेरेपी थ्रू योग एंड नेचूरोंपैथी' के अंतिम दिन आहार एवं पोषण लेने की तकनीक को बताया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

अवधूत मण्डल आश्रम में , महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव के संरक्षण मे आयोजित ५ दिवसीय राष्टीर्य कार्यशाला 'ड्रगलेस थेरेपी थ्रू योग एंड नेचूरोंपैथी' के अंतिम दिन आहार एवं पोषण लेने की तकनीक को बताया गया। समापन अवसर पर मुख्या अतिथि एस पी सी टी कमलेश उपाध्याय ने कहा कि, ४०% महिलाओ मे आयरन डेफिशियेंसी है जिसे पोषक तत्वों के साथ ही योग को अपनाकर दुर किया जा सकता है, ये रिसर्च से प्रमारित हो चूका है की योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से हीमोग्लोबिन को बढ़ाया जा सकता है। योगाचार्य डॉ. उर्मिला पांडेय ने बताया की सभी को प्रति दिन तीन प्राकृतिक रंग - हरा, लाल, नारंगी अपने भोजन मे शामिल करना चाहिए , तले- भुने पदार्थ पौष्टिक नहीं कार्बनिक होता है, जो जोड़ो के दर्द की समस्या, असिडिटि, कफ़ आदि उत्पन्न करते है। जब भी ऐसे पदार्थो का सेवन करना हो, तो पत्तेदार सलाद ज़रूर खाये, हम गमले में, धनिया, रि, मेथि, पलक, आदि तयार करसकते है। स्वस्थ इसपर ज़्यादा निर्भर करता है की हम क्या-क्या न खाए । प्रोफेसर भोला झा ने कहा कि, "भोजन की प्रकीर्ति का हमारी मानसिकता पर प्रभाव पड़ता है।" योगाचार्य मनोज कुमार ने कहा की विभिन्न अवसरो पर यदि हम अपनी रूचि अनुसार भोजन लेकर भी उसे छोड़ देते है, तोह समझे हम बीमार हो रहे है। निरामया योगं की सचिव योगाचार्य डॉ. उर्मिला ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर योगाचार्य निशिकांत मिश्रा , राजेंद्र अवस्थि, श्री हनुमान देव, योगाचार्य विषाल, हेमा बिष्ट, शिवानि, निलिम, नरेश, डॉ. रश्मि, डा.शिखा, डॉ. निशा, डॉ. प्रतिभ, डॉ. संयोगित, डॉ. अशोक, डॉ. विजय आदि उपस्थित रह।

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