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खेल साक्षरता अभियान के तहत स्वयं सेवी संस्था ने खेलों को बढ़ावा देने के लिये एक ज्ञापन सौंपा।


जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को आज खेल साक्षरता अभियान के तहत स्वयं सेवी संस्था ने खेलों को बढ़ावा देने के लिये अटल बिहार वाजपेयी गेस्ट हाउस में एक ज्ञापन सौंपा। यह यात्रा आज उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में पहंुची।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार: जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को आज खेल साक्षरता अभियान के तहत स्वयं सेवी संस्था ने खेलों को बढ़ावा देने के लिये अटल बिहार वाजपेयी गेस्ट हाउस में एक ज्ञापन सौंपा। यह यात्रा आज उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में पहंुची। संस्था ने जिलाधिकारी को खेल के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए ज्ञापन भी सौंपा। जिलाधिकारी ने इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा हर स्तर पर सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस यात्रा के सम्बन्ध में बताते हुये संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि खेल साक्षरता प्रसार वाहन आज अपने पाँचवे चरण में हरिद्वार जिले में पहुँचा। यात्रा अपने पाँचवे चरण में दिल्ली-एनसीआर से उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून, हरिद्वार की ओर अग्रसर है। यात्रा के दौरान दिल्ली से देहरादून के बीच सभी जिले के जिलाधिकारी से सम्पर्क किया जायेगा और जिले के गाँव में वीडियो प्रदर्शित कर खेल प्रवेशिका, ज्ञदवू ैचवतजेए और खेल कलैण्डर वितरित किये जायेंगे। आज यह खेल साक्षरता प्रसार वाहन हरिद्वार जिले के सलेमपुर महदूद गाँव पहुँचा। इस गाँव में भारी तादाद में ग्रामीण बच्चे, महिला और पुरूष के साथ-साथ ग्राम प्रधान भी उत्सुकता से इस खेल साक्षरता वाहन को देखने पहुँचे। इस वाहन में लगी बड़ी एलसीडी स्क्रीन पर दर्शकों को खेल के ऊपर बनी 3 डाक्यूमेंटी फिल्म दिखाई। साथ ही साथ हमारी संस्था ‘स्पोर्ट्स: ए वेे आॅफ लाइफ’ के अध्यक्ष डाॅ0 कनिष्क पाण्डेय ने इन ग्रामीणों को वीडियों काॅन्फ्रेंसिन्ग के जरिये सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने बच्चों को ओलम्पिक खेलों के बारे में तो बताया ही, साथ ही साथ खेलोन्मुख करने के लिए प्रोत्साहित भी किया तथा उनके गाँव आने का वायदा भी किया। यह भी आश्वस्त किया कि उनके गाँव के लिए प्रशासन से खेल मैदान उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे और खेल उपकरण भी उपलब्ध कराने का प्रयत्न करेंगे। इसके साथ ही श्री पाण्डेय ने हर उम्र के लोगों को खेलने का आह्वान किया और खेल को सिर्फ मेडल जीतने के नजरिये से ना देखने का आग्रह किया। खेल को एक मनोरंजन के रूप में तथा शारीरिक व्यायाम जिससे कि वो स्वस्थ रह सकें तथा चरित्र निर्माण के स्त्रोत के रूप में देखने का आग्रह किया। इस खेल साक्षरता प्रसार वाहन को एक वृहद् कार्यक्रम का आयोजन कर 20-25 अर्जुन पुरस्कार विजेताओं द्वारा गाजियाबाद में 9 जुलाई को भारत यात्रा के लिए रवाना किया गया है। यह यात्रा अपने प्रथम चरण में दिल्ली-एनसीआर से शुरु होकर गाजियाबाद, अमरोहा, शाहजहांपुर, बरेली, सीतापुर होते हुए लखनऊ पहुँची। लखनऊ पहंुचने पर दिनेष शर्मा , माननीय उप-मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेष द्वारा खेल उपकरण दिखाकर यात्रा के दूसरे चरण लखनऊ से उन्नव, कानपुर, जालौन, झांसी, ललितपुर, सागर, विदिषा होते हुए भोपाल के लिए रवाना किया। भोपाल पहंुचने पर छोटे बच्चों द्वारा यात्रा को तीसरे पड़ाव के लिए भोपाल से सीहोर, राजगढ़, झालावाड़, कोटा, टोंक होते हुए जयपुर की ओर रवाना किया। यात्रा के तीसरे चरण का समापन जयपुर में हुआ जहाँ पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से भेंट कर इस यात्रा से अवगत करवाया। राज्यपाल द्वारा यात्रा के चैथे पड़ाव जयपुर से अलवर, रेवाड़ी, गुरुग्राम होते हुए दिल्ली-एनसीआर के लिए खेल उपकरण दिखाकर रवाना किया। रेवाड़ी तथा गुरूग्राम के स्टेड़ियम में भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर वहाँ बच्चों और खिलाड़ियों को वीडियो प्रदर्षित कर खेल प्रवेषिका, कलैण्डर वितरित किये गये। यात्रा के दौरान प्रत्येक जिलाधिकारी को जिले में खेल साक्षरता बढ़ाने के सम्बन्ध में ज्ञापन प्रस्तुत किया और जिले के गांव में खेल के ऊपर बनी वीडियो प्रदर्शित की गई। उसके बाद को खेल पुस्तिकाऐं खेल प्रवेशिका, ज्ञदवू ैचवतजे तथा खेल वर्णमाला पर बना कलेण्डर बच्चों के बीच वितरित किये गये। अब यह यात्रा अपने पाँचवे चरण मे दिल्ली से उत्तराखण्ड की ओर अग्रसर है। खेल साक्षरता प्रसार वाहन के गांव सलेमपुर महदूद में पहुँचने के उपरान्त खेल के ऊपर बनी वीडियों प्रदर्शित करने के साथ-साथ बच्चों को खेल पुस्तिकाएं, खेल प्रवेशिका, ज्ञदवू ैचवतजे तथा खेल वर्णमाला पर बना कलैण्डर बच्चों को वितरित किये गये। बच्चों को जैसे ही यह पुस्तिका मिली तो वो खुशी-खुशी इस खेल वर्णमाला को पढ़ते देखे गये तथा कई बच्चे तो इस वाहन के समीप ही खेलने लगे। इस अवसर पर ग्राम प्रधान, ग्रामीण एवं बच्चों ने ‘स्पोर्ट्स: ए वे आॅफ लाइफ’ के अध्यक्ष डाॅ0 कनिष्क पाण्डेय को खेल साक्षरता मुहिम शुरू करने पर साधुवाद दिया तथा उनके खेल साक्षरता मिशन से जुड़कर सभी ग्रामीणों, खासकर बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया। यह यात्रा आज उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में पहंुची। हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को खेल के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए इन मांगों का ज्ञापन दिया गया। आज जब पूरा विश्व ओलम्पिक खेलों के जश्न में डूबा हुआ है, वहीं ‘‘स्पोटर््स ए वे आॅफ लाईफ’’ एन0जी0ओ0 ओलम्पिक से सम्बन्धित खेलों को भारत के गांव-गांव तक पहुंचाने की मुहिम में जुटा हुआ है। खेल साक्षरता प्रसार वाहन इस दिशा में एक पहल है जोकि गाजियाबाद से दिनांक 09 जुलाई 2021 से शुरू होकर देश के विभिन्न राज्यों के सैंकड़ों गांवों, दर्जनों कस्बों और कई जिलों में होते हुये पाँचवे चरण में दिल्ली से उत्तराखण्ड की यात्रा की ओर बढ़ रहा है। इस संस्था के साथ देश के विख्यात अर्जुन पुरस्कार विजेता, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, खेल-रत्न पुरस्कार विजेता और कई पूर्व ओलम्पियंस जुड़े हुये हैं, जिनमें श्री जफर इकबाल, श्री गोपाल सैनी, श्री देवेन्द्र झाझाड़िया तथा हाॅकी के महान खिलाड़ी स्व0 मेजर ध्यानचन्द जी के सुपुत्र श्री अशोक ध्यानचन्द आदि हैं। गाजियाबाद में इस यात्रा की शुरूआत देश के इन्हीं प्रख्यात खिलाड़ियों द्वारा 09 जुलाई, 2021 को की गई। ज्ञातव्य है कि ‘‘स्पोटर््स ए वे आॅफ लाईफ’’ एन0जी0ओ0 सन् 2017 से देश में खेल को बढ़ावा देने के लिये खेल साक्षरता अभियान चला रही है। संस्था के अध्यक्ष डा0 कनिष्क पाण्डेय ने बताया कि देश में खेल साक्षरता महज 5 प्रतिशत् है और महिलाओं के बीच तो यह मात्र 2.5 प्रतिशत् ही हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को खेल साक्षर बनाये बिना ओलम्पिक खेलों में देश की प्रभावशाली उपस्थिति दूर की कौड़ी जैसी है। ज्ञापन के मुख्य बिन्दु हैं-ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्थापित खेल प्रतिष्ठानों को पुर्नजीवित किया जाय, जनपद के सबसे प्रतिष्ठित पूर्व खिलाड़ी के नाम से कम से कम एक सड़क को नामांकित किया जाय तथा किसी एक महत्वपूर्ण स्थान पर प्रतिमा स्थापित की जाय, ‘‘खेल साक्षरता मिशन’’ का प्रचार हो, जिले में एक ‘‘आदर्श खेल गांव’’ की स्थापना की जाय जिसके क्रियान्वयन में संस्था अपना पूरा अनुभव और अपेक्षित योगदान देने के लिये तैयार है, खेलों के प्रति बच्चों में रूचि पैदा करने के लिये ककहरे वाली पुस्तक के साथ खेलों पर आधारित वर्णमाला पुस्तक का भी प्रयोग किया जाय, ग्रामीण क्षेत्रों से खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाय।

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