परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने पशà¥à¤šà¤¿à¤® की धरती से देशवासियों को रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि ‘रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन’ से तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ रकà¥à¤·à¤¾ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ बिना किसी शरà¥à¤¤ के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ का आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
22 अगसà¥à¤¤, ऋषिकेश। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने पशà¥à¤šà¤¿à¤® की धरती से देशवासियों को रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि ‘रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन’ से तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ रकà¥à¤·à¤¾ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ बिना किसी शरà¥à¤¤ के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ का आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ और बंधन अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ ‘अटूट व शाशà¥à¤µà¤¤ बंधन’, यह दिवà¥à¤¯ सार है आज के इस पावन परà¥à¤µ का। यह परà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ˆ-बहन के आपसी पà¥à¤°à¥‡à¤®, पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾, वफादारी और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ का संदेश देता है। रकà¥à¤·à¤¾ बंधन रकà¥à¤¤ संबंध ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ दिवà¥à¤¯ रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के संबंध को à¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ धागा है जो केवल कलाई पर ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤®, पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾, समरà¥à¤ªà¤£, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾, वफादारी और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के साथ दिलों को जोड़ता है। इस पावन अवसर पर आप सà¤à¥€ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡-पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ और बहनों को रकà¥à¤·à¤¾ बंधन की à¥à¥‡à¤°à¥‹à¤‚ शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚। रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के इस पवितà¥à¤° अवसर पर परमारà¥à¤¥ निकेतन गंगा आरती में à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता के वीर सपूत हमारे सेना के जवानों की रकà¥à¤·à¤¾ के लिये विशेष आहूतियाà¤à¤‚ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की गयी। साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ के लिये रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥‡à¤œà¥€à¥¤ परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ आचारà¥à¤¯à¥‹ का आज पावन गंगा तट पर उपनयन संसà¥à¤•à¤¾à¤° समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने देशवासियों से आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आईये इस रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन पर कम से कम पांच-पांच पौधों को रकà¥à¤·à¤¾à¤¸à¥‚तà¥à¤° बांधकर उनके संरकà¥à¤·à¤£ का संकलà¥à¤ª लें ताकि हमारे चारों ओर हरियाली और खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ बनी रहें। अà¤à¥€ तक पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ हमारी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ करते आये हैं, अब यह पौधों का रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन कर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ का समय है। पेड़-पौधे हमें जीवन पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं, पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ देते हैं, इस दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ हमारा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बनता है कि हम पौधों का रोपण कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करें। रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के दिन बहन अपने à¤à¤¾à¤ˆ को राखी बांधती है और à¤à¤¾à¤ˆ अपनी बहन को उसकी रकà¥à¤·à¤¾ का वचन देता है परनà¥à¤¤à¥ अब समय आ गया है कि बहन अपने à¤à¤¾à¤ˆ को राखी बांधने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ पूरा परिवार मिलकर वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ को राखी बांधे और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की रकà¥à¤·à¤¾ का वचन लें। इस रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन पर पेड़ों को बांधे वृकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन और रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन से वृकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन की ओर बà¥à¥‡à¥‡à¥¤ वृकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सब मिलकर पेड़ों को राखी बांधना और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गले लगाना तथा उनकी रकà¥à¤·à¤¾ का वचन लेना। राखी का पवितà¥à¤° धागा हमें धरà¥à¤® और करà¥à¤® दोनों का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करने की शिकà¥à¤·à¤¾ देता है। रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन का यह परà¥à¤µ सà¤à¥€ के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की कामना, सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ सबके लिये सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿ लेकर आये इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤“ं के साथ परमारà¥à¤¥ परिवार की ओर से रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन की à¥à¥‡à¤° सारी शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚। आज विशà¥à¤µ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ दिवस के अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤• दिवà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ है; वेदों की à¤à¤¾à¤·à¤¾ है और देवों की à¤à¤¾à¤·à¤¾ है। यह सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं का मूल है, कई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की जनà¥à¤®à¤¦à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥€ है और यह à¤à¤¾à¤·à¤¾ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में से à¤à¤• है। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ को हमारे पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में à¤à¤• वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ के रूप में नहीं बलà¥à¤•à¤¿ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की जरूरत है। देशवासियों से आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया कि अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को हमारी देव à¤à¤¾à¤·à¤¾ से जोड़े और उसे जीवंत और जागृत बनायें रखे।