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पौड़ी में 100 दिवसीय स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान की जनपद में शुरुआत


स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तत्वाधान में 100 दिवसीय स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान की जनपद में शुरुआत कर दी गई है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी /दिनांक 28 अगस्त, 2021, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तत्वाधान में 100 दिवसीय स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान की जनपद में शुरुआत कर दी गई है। जिसको लेकर मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्या ने संबंधित अधिकारियों से अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बैठको की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के दिशा निर्देशों के बाद जनपद में इस अभियान को 25 अगस्त 2021 से शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-एक के अंतर्गत सामुदायिक सोकपिटों का अधिक से अधिक निर्माण किया जाएगा। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में गंदे पानी का सुरक्षित निर्धारण के लिए 3041 राजस्व ग्रामों में सोकपिट बनाए जाएंगे। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन से 2800, मनरेगा से 600 तथा 15वें वित्त से 1000 सोकपिटों को निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तत्वाधान में 100 दिवसीय अभियान का शुभारंभ 25 अगस्त 2021 से जनपद में प्रारंभ किया गया। इस अभियान में आईईसी गतिविधियों के संचालन द्वारा समुदाय को जागरूक करना तथा इस अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आवश्यक रूप से प्रतिभाग कराया जाना है। अभियान के अनुश्रवण एवं अन्य व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाने के लिए सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण व रात्रि विश्राम किया जाएगा । सामुदायिक विचार विमर्श खुली बैठकों का आयोजन, वर्तमान में स्थायित्व व ओडीएफ की स्थिति को समझने के लिए ग्राम सभाओं की बैठकों का आयोजन किया जाएगा। ग्राम सभा की बैठकों में ओडीएफ स्थायित्व हेतु संकल्प लेना एवं गंदे पानी के प्रबंधन हेतु वांछित संख्या में सोक पिट के लक्ष्यों को पूर्ण किया जाएगा। 100 दिवसीय अभियान में स्थायित्व एवं सोकपिट निर्माण से संबंधित गतिविधियां संचालित की जाएंगी। साथ ही मांग के आधार पर सोकपिटों का निर्माण कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओडीएफ स्थायित्व एवं गांव में भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार सोक पिट के निर्माण में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की धनराशि के उपयोग में लाया जा सकता है। इसके साथ साथ अधिक फंड की आवश्यकता होने पर 15 वे वित्त आयोग एवं मनरेगा निधि का भी उपयोग किया जाएगा।

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