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हरिद्वार में संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने वृक्षारोपण व सांकेतिक धरना देकर जताया विरोध


संयुक्त कर्मचारी महासंघ द्वारा आज राही मोटेल के बहार कर्मचरियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध जताते हुए वृक्षारोपण कर सांकेतिक धरना दिया|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार में संयुक्त कर्मचारी महासंघ द्वारा आज राही मोटेल के बहार कर्मचरियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध जताते हुए वृक्षारोपण कर सांकेतिक धरना दिया|संघठन के प्दाशिकारियों ने बताया कि दोनों निगमों को रोजगार परक व आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक एल टू का कार्य रेत खनन का कार्य व पर्यटन के निर्माण संबंधी कार्य दिए जाएं, नियमित हुए कर्मचारियों को उनके द्वारा निगम में की गई पुरानी सेवा का लाभ दिया जाए, विभागीय प्रमोशन कक्षवार करने के साथ-साथ चतुर्थ से तृतीय श्रेणी का विभागीय कोटा शीघ्र भरा जाए, सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के देयकों का भुगतान करने, निगम में सेवारत कर्मचारियों का छठे वेतनमान के एरियर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 2800 ग्रेडपे एरियर के साथ-साथ कर्मचारियों के अन्य देयकों का भी भुगतान किया जाए, अटल आयुष्मान योजना का लाभ दोनों निगमों के नियमित व दैनिक वेतन कर्मचारियों को दिया जाए, कार्यरत दैनिक / संविदा / अग्रिम आदेश में कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम 25000 वेतन दिया जाए। सविदा कर्मचारियों का नियमित कर्मचारियों की भांति सामूहिक बीमा किया जाए व दोनों निगमों में कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को, गढ़वाल मंडल विकास निगम के निर्देशक मंडल द्वारा पारित अग्रिम आदेश (जो कर्मचारी अग्रिम आदेश के तहत बनी सूची में छूट गए थे उनका नाम भी जोड़ते हुए) लागू करते हुए यह व्यवस्था कुमाऊँ मंडल विकास निगम में भी संविदा कर्मचारियों लागू की जाये, व्याप्त वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए कुमाऊँ मंडल विकास निगम के पर्यटन सवर्ग व अन्य संवर्ग में भी गढ़वाल मंडल विकास निगम की भांति वेतनमान लागू किया जाए, किसी भी आवास गृह / इकाई को निजी क्षेत्र में नहीं दिया जाए, गढ़वाल मंडल विकास निगम व कुमाऊं मंडल विकास निगम के कर्मचारियों की व्यक्तिगत समस्याओं के साथ दोनों निगमों के कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर दी गई लंबित मांगों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। शासन-प्रशासन द्वारा उक्त गांगों का दिनांक 25 अगस्त, तक समाधान न करने पर दिनांक 26 अगस्त 2021 से दोनों मंडलों के समस्त जनपदों में चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन प्रारम्भ कर दिया जायेगा, जिसकी संपूर्ण जवाब देही शासन-प्रशासन की होगी।

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