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दरिद्र नारायण की सेवा सबसे बड़ी सेवा: बाबा हठयोगी


श्रीरामानंदी दिगंबर अखाड़े के महंत बाबा हठयोगी ने कहा दरिद्र नारायण की सेवा सबसे बड़ी सेवा है और भूखों को भोजन कराने से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं। चंडी घाट क्षेत्र में रहने वाले दरिद्र नारायण और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए आत्मबोध संस्था की ओर से खिचड़ी भोजन प्रसाद का शुभारंभ |

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। श्रीरामानंदी दिगंबर अखाड़े के महंत बाबा हठयोगी ने कहा दरिद्र नारायण की सेवा सबसे बड़ी सेवा है और भूखों को भोजन कराने से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं। चंडी घाट क्षेत्र में रहने वाले दरिद्र नारायण और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए आत्मबोध संस्था की ओर से खिचड़ी भोजन प्रसाद का शुभारंभ करने वाले आत्मबोध संस्था के लोग बधाई के पात्र है। संस्था की ओर से भोजन के साथ पीने के पानी के लिए वाटर कूलर एवं वाटर टैंक भी भेंट किया गया है। इसके लिए संस्था के सदस्यों को साधुवाद देते है। बाबा हठयोगी ने कहा कि आश्रम में रविवार, 12 सितंबर से प्रतिदिन प्रातः काल 8: 30 बजे से 12 बजे तक यहां आने वाले लोगों को निशुल्क खिचड़ी प्रसाद वितरित किया जाएगा। गौरतलब है कि चंडी घाट स्थित पीपाचार्य पीठ, गौरी शंकर गोशाला में बाबा हठयोगी के सानिध्य में आत्मबोध संस्था की ओर से खिचड़ी भोजन प्रसाद का रविवार को शुभारंभ किया गया।‌ इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित आरोग्य मेडिसिटी हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ महेंद्र राणा ने बाबा हठयोगी और संस्था के पदाधिकारियों का आभार जताते हुए निशुल्क अन्न क्षेत्र शुरू करने के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ राणा ने कहा ऐसे लोगों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए जिनके दिल और दिमाग में आमजन के लिए सेवा करने का जोश और उत्साह बना रहता है। उन्होंने कहा कि करोना काल में आमजन के साथ सभी लोगों की कमर टूट गई है। ऐसे में आत्मबोध संस्था की ओर से लाभ हानि से दूर रहते हुए समाज के वंचित वर्ग के लोगों के लिए किया अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए वह संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को अपनी शुभकामनाए देते हैं। सीए आशुतोष पांडेय ने उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर आत्मबोध संस्था का गठन किया। इसका उद्वेश्य मातृ लोगों की सेवा करना है। उमेश त्रिपाठी ने कहा कि बाबा हठयोगी के सहयोग से अन्नक्षेत्र का शुभारंभ किया गया है। जिसे निरंतर चलाने का प्रयास किया जायेगा। प्रवीण सिंह ने कि वें अपने साथीयों से अपील करते है कि शालगिरह, जन्मदिन आदि के मौके पर आश्रम में आकर मनाए और गरीब लोगों को भोजन कराए। परमजीत सिंह निर्धन लोगों को भोजन कराने से बड़ी कोई सेवा नहीं है। विकास कुमार झा, गौरव रसिक सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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