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हरिद्वार, देहरादून में भिक्षावृत्ति के बच्चों के पीछे किसी रैकैट की सम्भावनाओें अंदेशा


बाल अधिकार संरक्षण आयोग श्रीमती उषा नेगी आज ह्यूमन राइट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से हरिद्वार प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में पहुंची उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिले, भिक्षावृत्ति पर प्रभावी रूप से रोक लगायी जाए, विभिन्न जनपदों से देहरादून तथा हरिद्वार आदि जनपदों में भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों के पीछे किसी रैकैट द्वारा कार्य किये जाने की सम्भावनाओें से इंकार नहीं किया जा सकता।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज भारत

हरिद्वार। अध्यक्ष राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग श्रीमती उषा नेगी आज ह्यूमन राइट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से हरिद्वार प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में पहुंची उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिले, भिक्षावृत्ति पर प्रभावी रूप से रोक लगायी जाए, विभिन्न जनपदों से देहरादून तथा हरिद्वार आदि जनपदों में भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों के पीछे किसी रैकैट द्वारा कार्य किये जाने की सम्भावनाओें से इंकार नहीं किया जा सकता। जो बच्चों से भिक्षा मंगवाते हैं, इसका पता लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए, भिक्षा का कटोरा नहीं। बच्चंे ही भविष्य के नागरिक हैं। शिक्षा के माध्यम से ही बच्चों का विकास संभव है। किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, जीने का अधिकार, खेलने का अधिकार मिलना चाहिए। मानव अधिकारों से प्रथम बालक को संरक्षित सुरक्षित जीवन का अधिकार दिया जाना चाहिए। आज के बच्चे कल का नागरिक है उसकी रक्षा के लिए ही मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा का व्यापारीकरण हो गया। शिक्षा के क्षेत्र में लोग चैरिटी के नाम पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। सही मायने में चैरिटी किसी ऐसे बच्चों को शिक्षित करने से होगी जो कूड़ा बीनने, नशा करने में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बच्चों को नशे से दूर रखना है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा के अधिकार मिलने चाहिए। इसके लिए हम सबको एक दूसरे के सहयोग से कार्य करना होगा और अपने अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए बालकों के अधिकारों के प्रति भी सजग रहना होगा। हमें अपने बच्चों को बेहतर संस्कार देने की आवश्यकता है। ऐसे संस्कार दें जिससे बच्चे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें, दूसरों के साथ भी मानवीय व्यवहार की सीख बचपन से बच्चों के दें। यदि किसी के अधिकारों का हनन हो रहा है, तो उसकी उपेक्षा न करें बल्कि उसकी सहायता करें। इसके उपरान्त श्रीमती नेगी ने गैर सरकारी श्रीराम अनाथ आश्रम श्यामपुर कांगड़ी का भौतिक निरीक्षण किया। उन्होंने वहां शिशु तथा बालकों के रहन सहन, खाने पीने, स्वास्थ्य, शिक्षा की गुणवत्ता जांची। उन्होंने बाल गृह प्रबंधक की ओर से अनाथ बच्चों के सामने शिक्षा तथा नौकरी में आवश्यक प्रमाण पत्रों के बारे में आ रही समस्याओं को अभिलिखित कराया तथा जल्द ही निराकरण की बात कही।

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