संसà¥à¤•à¤¾à¤° ही जीवन आरमà¥à¤ से लेकर मृतà¥à¤¯à¥ परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ तक करà¥à¤® के साथ सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ बनाने तथा अधरà¥à¤®, अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ तथा अनीति कारक करà¥à¤® करने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को बचाकर रखते है। इसलिठसनातन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ मे सोलह संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को जीवन का मूल मंतà¥à¤° माना गया है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°- 20 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2021 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन को सही मारà¥à¤— पर ले जाने तथा उतà¥à¤¤à¤® चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ मे सोलह संसà¥à¤•à¤¾à¤° का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ रोल है। संसà¥à¤•à¤¾à¤° ही जीवन आरमà¥à¤ से लेकर मृतà¥à¤¯à¥ परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ तक करà¥à¤® के साथ सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ बनाने तथा अधरà¥à¤®, अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ तथा अनीति कारक करà¥à¤® करने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को बचाकर रखते है। इसलिठसनातन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ मे सोलह संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को जीवन का मूल मंतà¥à¤° माना गया है। गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² कांगडी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के असिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° डॉ0 शिवकà¥à¤®à¤¾à¤° चौहान ने संसà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ आज की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ विषय पर सहारनपà¥à¤° की à¤à¤• सामाजिक संसà¥à¤¥à¤¾ अà¤à¥à¤¯à¥à¤¦à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित ऑन-लाईन कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के उदघाटन सतà¥à¤° में मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप मे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहॉ कि हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤®à¥à¤– धरà¥à¤® है। जिसकी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ विशालता के कारण ही यह सनातन धरà¥à¤® कहलाता है। महरà¥à¤·à¤¿ वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जनà¥à¤® से लेकर मृतà¥à¤¯à¥ तक सोलह संसà¥à¤•à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जीवन के कà¥à¤¶à¤² संचालन की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी। जिसमे गरà¥à¤à¤¾à¤§à¤¾à¤¨, पà¥à¤‚सवन, सीमंतोनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¨, जातकरम, नामकरण, निषà¥à¤•à¥à¤°à¤®à¤£, अनà¥à¤¨à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¶à¤¨, चूडाकरà¥à¤®, करà¥à¤£à¤µà¥‡à¤§, यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤, वेदारमà¥à¤, केशांत, समावरà¥à¤¤à¤¨, विवाह, आवसशà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¾à¤® à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¤à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¥¤ गरà¥à¤à¤¾à¤§à¤¾à¤¨ मे महरà¥à¤·à¤¿ चरक ने मन का पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ और पà¥à¤·à¥à¤Ÿ रहना जरूरी माना है। पà¥à¤‚सवन संसà¥à¤•à¤¾à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से गरà¥à¤à¤¸à¥à¤¥ शिशॠमे संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की नीव पडती है। सीमंतोनà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¨ संसà¥à¤•à¤¾à¤° गरà¥à¤ के चौथे, छठें तथा आठवे माह मे किया जाता है जिसमे शिशॠसीखने के काबिल हो जाता है। जनà¥à¤® के बाद जातकरम से बालक के दोष दूर किये जाते है। नामकरण से बालक को नाम, जनà¥à¤® के बाद चौथे माह मे निषà¥à¤•à¥à¤°à¤®à¤£ जिसका अरà¥à¤¥ बाहर निकालना है। जिसमे पिता पंचमहाà¤à¥‚तों से बालक की रकà¥à¤·à¤¾ हेतॠपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करता है। अनà¥à¤¨à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¶à¤¨ मे बालक मे दांत निकलना, चूडाकरà¥à¤® मे बालक का मà¥à¤‚डन संसà¥à¤•à¤¾à¤°, करà¥à¤£à¤µà¥‡à¤§ से गà¥à¤°à¤¹ जनित दोषों का निराकरण, यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ (उपनयन) जिसमे उप का अरà¥à¤¥ समीप तथा नयन का अरà¥à¤¥ ले जाने वाला अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ गà¥à¤°à¥‚ के समीप ले जाने वाला, वेदारमà¥à¤ मे वेदो का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ तथा केशांत मे केशों का अनà¥à¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से पहले कराने की à¤à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ सनातन धरà¥à¤® मे रही है। जबकि समावरà¥à¤¤à¤¨ में विदà¥à¤¯à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ घर वापसी, विवाह संसà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¤‚व अनà¥à¤¤à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ मे शरीर का पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤šà¤¾à¤®à¤¹à¤¾à¤à¥‚ताों के मिल जाना है। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° इन संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जीवन के कà¥à¤¶à¤² संचालन à¤à¤µà¤‚ चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के साथ अनà¥à¤¤à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ जीवन पूरा करते हà¥à¤ अगामी जीवन यातà¥à¤°à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है। लेकिन आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के रंग मे यह परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त संसà¥à¤•à¤¾à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ लगà¤à¤— समापà¥à¤¤à¤¿ की कगार पर है। जिससे समाज मे वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° समà¥à¤¬à¤‚धी अनेक बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ का बोलबाला है। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° रधà¥à¤µà¥€à¤° सिंह, डॉ0 दयाल सिंह, डॉ0 शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ मोहन ने à¤à¥€ चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पर अपने विचार पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे 64 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤ संचालन लोकेनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह ने तथा धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ जà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ डॉ0 बिजेनà¥à¤¦à¥à¤° चौहान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया।