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मातृ सदन में माँ गंगा की अविरलता के लिए साध्वी पद्मावती का आमरण अनशन सुरु


मातृ सदन हरिद्वार द्वारा दस दिन पूर्व गंगा की अवविरलता,निर्मलता के लिए 15 दिसम्बर से अनशन का ऐलान किया गया था जो आज एक बार फिर से शुरू हो गया है। इस बार मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद की शिष्या साध्वी पद्मावती आश्रम में आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ गंगा स्वच्छता से जुड़ी छह को मांगों को लेकर ये अनशन शुरू किया है ।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ भारत

मातृ सदन हरिद्वार द्वारा दस दिन पूर्व गंगा की अवविरलता,निर्मलता के लिए 15 दिसम्बर से अनशन का ऐलान किया गया था जो आज एक बार फिर से शुरू हो गया है। इस बार मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद की शिष्या साध्वी पद्मावती आश्रम में आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ गंगा स्वच्छता से जुड़ी छह को मांगों को लेकर ये अनशन शुरू किया है । माँ गंगा के लिए दुनिया में विख्यात मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कहा कि स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद की अनशन के दौरान मौत के बाद आत्मबोधानंद ने उनके अनशन को आगे बढ़ाया था। उन्होंने बताया कि 4 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन पर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने अपने अनशन को स्थगित कर दिया था, लेकिन आज तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई । इस वजह से एक बार फिर से अनशन की राह पकड़नी पड़ रही है। स्वामी शिवानंद ने कहाकि उत्तराखंड में गंगा नदी पर निर्माणधीन और प्रस्तावित परियोजनाओं को तत्काल बंद किया जाये। गंगा के किनारे लगे स्टोन क्रशरों को वहां से हटाया जाए। एनजीटी के एक अधिकारी की जांच और हरिद्वार के वर्तमान पुलिस कप्तान को तुरंत हटाए जाने की मांग भी उन्होंने रखी। अनशन पर बैठने वाली साध्वी पद्मावती का कहना है कि यदि सरकार गंगा स्वच्छता से जुड़ी उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो वह भी अपना शरीर त्याग देंगी लेकिन अनशन खत्म नहीं करेंगी। अनशन को समर्थन देने पहुंचे गंगा प्रेमियों ने एक गोष्ठी का आयोजन भी किया जिसकी अध्यक्षता स्वामी शिवानंद जी द्वारा की गई इस अवसर पर सभी गंगा प्रेमियों ने गंगा को लेकर अपने विचार रखें और और कहा अगर गंगा जीवित रहेगी तो पर्यावरण बचा रहेगा और जीवन भी बचा रहेगा सभी एकमत होकर कहां की गंगा और पर्यावरण जीवित रखना है तो हमें ऐसे आंदोलनों को समर्थन के साथ साथ सहयोग करने की आवश्यकता है और हम मातृ सदन व साध्वी पद्मावती के साथ हैं अध्यक्षता कर रहे मातृ सदन के परम अध्यक्ष स्वामी शिवानंद जी महाराज ने गंगा की पीड़ा व्यक्त की और सरकार के किए जा रहे कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए अपनी बात को समाप्त किया। गंगा को लेकर साध्वी पद्मावती के अनशन को लेकर मातृ सदन ने 10 दिन पूर्व किए गए ऐलान के बावजूद भी गंगा के लिए कार्य करने वाली दर्जनों संस्थाएं जो गंगा की स्वच्छता का दावा करती हैं वह इतने बड़े आंदोलन के समर्थन के लिए भी नहीं पहुंच पाई।

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