Latest News

सातवां वेतनमान न दिये जाने को कर्मचारियों का उत्पीड़न बताते हुए विरोध व्यक्त किया


बीएचईएल उपनगरी के विभिन्न सेक्टरों के आवासीय क्वार्टरों में निवास करने वाले ईएमबी कर्मचारियों ने भेल के नगर प्रशासक कार्यालय पर धरना देकर आवासीय लाइसेंस फीस, पेयजल शुल्क की बढ़ोतरी तथा सातवां वेतनमान न दिये जाने को कर्मचारियों का उत्पीड़न बताते हुए विरोध व्यक्त किया। धरने के बाद ईएमबी कर्मचारियों ने बीएचईएल की तमाम मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ नगर प्रशासक नवीन उनियाल को ज्ञापन सौंप कर कर्मचारियों की समस्याओं का यथा शीघ्र समाधान करने की मांग की।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज भारत

हरिद्वार। बीएचईएल उपनगरी के विभिन्न सेक्टरों के आवासीय क्वार्टरों में निवास करने वाले ईएमबी कर्मचारियों ने भेल के नगर प्रशासक कार्यालय पर धरना देकर आवासीय लाइसेंस फीस, पेयजल शुल्क की बढ़ोतरी तथा सातवां वेतनमान न दिये जाने को कर्मचारियों का उत्पीड़न बताते हुए विरोध व्यक्त किया। धरने के बाद ईएमबी कर्मचारियों ने बीएचईएल की तमाम मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ नगर प्रशासक नवीन उनियाल को ज्ञापन सौंप कर कर्मचारियों की समस्याओं का यथा शीघ्र समाधान करने की मांग की। इस अवसर पर ईएमबी कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए धरने में शामिल हुए रानीपुर के विधायक आदेश चौहान ने उम्मीद जाहिर की कि जल्दी ही कर्मचारियों की मांगों का हल निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अगर कारपोरेट कार्यालय दिल्ली तक भी जाना पड़ा तो वे कर्मचारियों के साथ रहेंगे।उन्होंने कर्मचारियों के हितों की अनदेखी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए भेल प्रशासन से मांग की की यथाशीघ्र उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए अन्यथा इसके परिणाम संस्थान के हित में नहीं होंगे। ईएमबी के कर्मचारी नेता आर एन उपाध्याय ने कहा कि जब बीएचईएल कर्मचारियों ककी लाइसेंस फीस और जल मूल्य बढ़ाया जाता है उसके बाद ही एमबी कर्मचारियों के दरों में वृद्धि होती है। लेकिन बीएचईएल प्रबंधन ने एमबी कर्मचारियों को भेल कर्मचारियों की गैर श्रेणी में रखकर और उन पर तीन साल की बढ़ी हुई दरें एक साथ लाद कर उनके साथ घोर अन्याय किया ग है। संदीप गोयल ने कहा कि 21 मार्च 2017 के जल मूल्य की नीतियों को अचानक ईएमबी कर्मचारियों पर लागू कर दिया गया जबकि बीएचएल के कर्मचारियों पर इसे लागू नहीं किया गया है इसमें भी अचानक उनके वेतन से 3 साल की भारी कटौती कर दी गई जबकि इस संबंध में कर्मचारियों को सूचित तक नहीं किया गया। बृजेश शर्मा ने कहा कि उनको वर्षों से सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार वेतनमान नहीं दिया जा रहा है, उनका शोषण किया जा रहा है और उनको वेतन भी तब दिया जाता है जब आधा महीना बीत जाता है उपर से हजारों की लाइसेंस फीस और जूल्स शुल्क की कटौती से उनके परिवार के सामने गंभीर समस्याएं खड़ी हो गई हैं । उन्होंने कहा कि लाइसेंस फीस और जल मूल्य में वृद्धि कर उत्पीड़नात्माक कार्रवाई है। बीएचएल प्रबंधन के विरुद्ध के विरुद्ध बोलते हुये अनेक वक्ताओं ने सेवानिवृत्ति के बाद भी भविष्य निधि का भुगतान न होने, और चिकित्सा उपचार में भेदभाव करने के आरोप लगाये। इस अवसर पर भेल की बीएमकेपी यूनियन के नेता राजवीर सिंह चौहान, एचएमएस के नेता मनीष कुमार, बीएचईएल वर्कर्स यूनियन के विकास सिंह, बीएचएस के प्रशांत गुप्ता, बीएमएस के राजेश चौहान और भारत इलेक्ट्रिकल्स मजदूर यूनियन के राम कुमार व मोहित शर्मा सहित महिला नेत्री किरण सिंह तथा संजीव चौधरी ने एमपी कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए उनके साथ न्याय करने की मांग उठाई ‌। आज आयोजित धरने में आर्यन उपाध्याय बृजेश शर्मा संदीप गोयल, मनोज कुमार, प्रदीप यादव, केडी सिंह, रणजी लाल, मधु सिंह, कामना कंडारी, कुशल शर्मा, अब्दुल रहमान, अरुणा चौहान, विभाग गौतम, पीके झा, दिग्विजय सिंह, मीनू अदलखा आदि उपस्थित रहे।

Related Post