Latest News

मोहन लाल नेगी एवं बचन सिंह नेगी को मिला डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- 2019


आज डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती पर वरिष्ठ साहित्यकार मोहन लाल नेगी एवं बचन सिंह नेगी को मिला *डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- 2019 विगत वर्ष की भांति गढ़वाली भाषा एवं साहित्य को समर्पित।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

देहरादून ,हिन्दी भवन में आज डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती पर वरिष्ठ साहित्यकार मोहन लाल नेगी एवं बचन सिंह नेगी को मिला डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- 2019 विगत वर्ष की भांति गढ़वाली भाषा एवं साहित्य को समर्पित "आखर" समिति(श्रीनगर गढ़वाल) द्वारा (19 दिसम्बर को )गढ़वाली भाषा एवं लोकसाहित्य के दिवंगत मूर्धन्य साहित्यकार डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती के अवसर पर डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान* एवं डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान माला व गढ़वाली भाषा -साहित्य की दिशा* कार्यक्रम हिन्दी भवन ,देहरादून में आयोजित किया गया | आखर समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में " गढ़वाली भाषा-साहित्य में अमूल्य अवदान देने हेतु इस वर्ष *डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान-2019* वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार श्री मोहनलाल नेगी जी और वरिष्ठ साहित्यकार श्री बचन सिंह नेगी जी को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया |" इन दोनों वरिष्ठ साहित्यकारों को 5500-5500 रुपए (साढ़े पाँच-पाँच हजार रुपए ) की धनराशि सम्मान राशि के साथ -साथ आखर सम्मान पत्र ,आखर स्मृति चिह्न एवं अँग वस्त्र प्रदान किए गए | इस कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले वरिष्ठ साहित्यकार मोहनलाल नेगी की संस्मरणात्मक पुस्तक "यादों की गलियां" का लोकार्पण भी मंचासीन अतिथियों एवं आखर के अध्यक्ष द्वारा किया गया | आखर कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोक साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक के योगदान पर विस्तार से अपनी बात रखी | मुख्य अतिथि श्री रोशन धस्माना ने आखर समिति की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि -इस प्रकार के आयोजन बहुत आवश्यक हैं ,कार्यक्रम अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित़्कार डॉ. नन्द किशोर ढौंडियाल ने कहा कि- आखर समिति का ये कार्य महत्वपूर्ण है एवं आज गढ़वाली भाषा -साहित्य पर वैचारिक एवं बौद्धिक कार्यक्रमों के साथ इस हेतु धरातल पर काम करने की आवश्यकता है | अतिथि वक्ता प्रो. सुरेश ममगांई जी ने कहा कि -गढ़वाली भाषा -साहित्य में नए तरीके से काम करने की आवश्यकता है ,शोध करने की आवश्यकता है | प्रसिद्ध साहित्यकार श्री नरेन्द्र कठैत ने कहा कि डॉ.चातक जी जैसे साहित्य साधकों के काम को आगे लाने की आवश्यकता है | युगवाणी के सम्पादक संजय कोठियाल ने मोहन लाल नेगी की लोकार्पित पुस्तक "यादों की गलियां" पुस्तक एवं लेखक के बारे में अपने संस्मरण रखे | गढ़वाली भाषा-साहित्य हेतु समर्पित *आखर समिति (श्रीनगर गढ़वाल )*के अध्यक्ष संदीप रावत ने कहा कि डॉ.गोविन्द चातक जी जैसी विभूतियों को एवं उनके कार्य को याद किया जाना आवश्यक है ,उनकी जयन्ती मनाई जानी आवश्यक है | आखर समिति बहुत गम्भीरता से इस दिशा में काम करने का प्रयास कर रही है | कार्यक्रम में डॉ.विनोद सिंह नेगी ,श्रीमती निर्मला विष्ट , डी.पी.खण्डूड़ी ,बलबीर सिंह राणा अडिग , शूरवीर सिंह रावत ,रमाकान्त बेंजवाल, हेम चन्द्र सकलानी , अनूप रावत ,अंजना घिल्डियाल , अजय गुसांई , जय प्रकाश पवांर , धाद के शान्ति प्रकाश जिज्ञासु , ,कान्ता घिल्डियाल , रेनु बडोनी ,श्री सुरेन्द्र भट्ट , डॉ.सत्यानन्द बडोनी ,सुरेश स्नेही , जयप्रकाश पंवार , हरीश कण्डवाल मनखी ,संदीप कठैत आदि उपस्थित थे | कार्यक्रम का संचालन बीना बेंजवाल ने किया |

Related Post