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उत्पन्न संततियों की ‘वृहद् बछिया प्रदर्शनी‘ कार्यक्रम का आज डिग्री काॅलेज प्रांगण, चैबट्टाखा


अतिहिमीकृत लिंग वर्गीकृत जर्सी वीर्य से सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान द्वारा उत्पन्न संततियों की ‘वृहद् बछिया प्रदर्शनी‘ कार्यक्रम का आज डिग्री काॅलेज प्रांगण, चैबट्टाखाल, पौड़ी गढ़वाल में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, अति विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना एवं विशिष्ट अतिथि अपर निदेशक पशुपालन विभाग पौड़ी गढ़वाल डाॅ. प्रेम कुमार द्वारा दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भटट धिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 23 दिसम्बर 2019,अतिहिमीकृत लिंग वर्गीकृत जर्सी वीर्य से सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान द्वारा उत्पन्न संततियों की ‘वृहद् बछिया प्रदर्शनी‘ कार्यक्रम का आज डिग्री काॅलेज प्रांगण, चैबट्टाखाल, पौड़ी गढ़वाल में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, अति विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना एवं विशिष्ट अतिथि अपर निदेशक पशुपालन विभाग पौड़ी गढ़वाल डाॅ. प्रेम कुमार द्वारा दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया गया। विकासखण्ड पौखड़ा एवं एकेश्वर के अन्र्तगत जलागम योजना के तहत चिन्ह्ति ग्रामों से 56 बछियों का प्रदर्शन किया गया। योजना के तहत उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को जिलाधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह् एवं प्रशस्त्री पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग एवं यूडीडब्ल्यूडीपी जलागम ग्राम्या-2 पौड़ी एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाये गये स्टाॅलों का निरीक्षण कर जानकारी ली तथा सामाग्री की पैकेजिंग पर ध्यान देने को कहा। जिलाधिकारी ने लोगों को खेती के साथ-साथ पशुपालन से भी आजीविका को संवृद्ध करने पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम आयोजक विभागों के साथ-साथ सभी रेखीय विभागों के प्रयासों को सराहनीय बताया। कहा कि सभी विभागों के समूहिक प्रयासों से ही प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया जा सका है। उन्होंने ग्राम्या के अभिप्रेरकों के कार्यों को जनहित में बताया। कहा कि अभिप्रेरकों के माध्यम से ही सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान द्वारा उत्पन्न पशुओं की उत्कृष्ट प्रदर्शनी को आयोजित किया गया। प्रदर्शनी में जिलाधिकारी ने खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी बेहतर आर्थिकी का माध्यम बताया। कहा कि पहाड़ों में पशुपालन लोगों की आर्थिकी की रीढ़ है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम तथा उन्नत प्रजाति के दुधारू पशुओं से काश्तकार पशुपालन के क्षेत्र में और अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। यही नहीं पहाड़ों में पशुपालन ही एकमात्र ऐसा स्वरोजगार है जो कभी भी घाटे में नहीं जाता। इस मौके पर उन्होंने विभाग द्वारा किये गये कार्यप्रगति पर भी रोशनी डाली। कहा कि पोखड़ा ब्लाक में विभाग द्वारा गर्भाधान के एक हजार के सापेक्ष 750 का लक्ष्य पूरा किया है, जिसमें 354 बछिया उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में पौड़ी जनपद ने पूरे प्रदेश में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। जबकि पूरे देश के सापेक्ष यह आंकड़ा करीब तीस फीसदी है, वहीं पौड़ी जनपद का करीब 44 फीसदी है। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर हुई समीक्षा में पशुपालन विभाग के कार्यों की खूब सराहना हुई है। कहा कि एकेश्वर ब्लाक में विभाग को और अधिक कार्य करने की जरूरत है। साथ ही अधिक से अधिक पशुपालकों को इन योजनाओं से अच्छादित करने को कहा। उन्होंने कहा कि ग्राम्य और पशुपालन विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में काफी बेहतर कार्य किये गये हैं। कहा कि जिला योजना के अन्तर्गत में कृत्रिम गर्भाधान जैसे कार्यक्रमों के लिए पशुपालन विभाग के बजट में इजाफा किया गया है, जिससे कि पशुपालकों को योजनाओं का और अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने पशुपालकों से अधिक से अधिक कृत्रिम गर्भाधान कराने पर जोर दिया। कहा कि इससे पशुपालकों को न सिर्फ अच्छी प्रजाति की बछिया प्राप्त होगी बल्कि दुध की उत्पादकता में भी बढ़ोत्तरी होगी। कहा कि कृत्रिम गर्भाधान से पहाड़ी गायों के दूध की उत्पादक क्षमतों में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। उन्होंने अन्य विभागों को इस प्रकार के कार्यक्रमों को संचालित करने को कहा। उन्होंने पशुपालन के साथ-साथ खेतों में बेहतर चारे की खेती करने पर भी जोर दिया। कहा कि नेपियर ग्रास आदि का रोपण भी मनरेगा से करने को कहा। उन्होंने पलायन की रोकथाम के लिए भी इस प्रकार की योजनाओं को अहम बताया। उन्होंने सभी रेखीय विभागों को निर्देशित किया कि वे अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर लोगों के बीच उन्हें आच्छादित करने का कार्य करें। पशुपालन विभाग एवं उत्तराखंड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना (यूडीडब्ल्यूडीपी) ग्राम्य-2, पौड़ी गढ़वाल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में विकासखण्ड पौखड़ा एवं विकासखण्ड एकेश्वर के अन्र्तगत जलागम योजना के तहत चिन्ह्ति गडरी, झलपाड़ी, चोपड़ा, वीणा मल्ली, वीणाधार, घंडियाल, मसमोली, मेलगांव, पौखड़ा, सकनौली आदि ग्रामों से 56 बछियों का प्रदर्शन किया गया। कृत्रिम गर्भाधान के तहत जलागम योजना के अन्तर्गत वि.ख. पौखड़ा में 26 तथा वि.ख. एकेश्वर में 36 ग्रामों को चिन्ह्ति किया गया है। योजना के तहत उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को जिलाधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह् एवं प्रशस्त्री पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिनमें यूनिट अधिकारी ग्राम्या सत्यपाल सिंह रावत, गिरीश चन्द व उत्तम सिंह चैहान, ग्राम प्रभारी अब्वल सिंह चैहान, उद्यान विशेषज्ञ सतीश भट्ट, फैसिलीटेटरमेनका बडोला, विजयलक्ष्मी, पूजा, जयन्ती व भुवनेश्वरी, मोटीवेटर राजेश्वरी, रेखा देवी, बसंती देवी सहित सुशील कुमार, रितेष विनवाल, हर्षमोहन नेगी, बृजमोहन नेगी, डाॅ. धीरज अधिकारी, आलोक खंडूरी, डाॅ. सतीश चन्द्रा शामिल हैं। पशुपालकों को पशुओं की उत्तम नस्लों की तकनीकी जानकारियां दी गई। इस मौके पर ब्लाॅक प्रमुख एकेश्वर नीरज पांथरी, पौखड़ा प्रीति देवी, उपजिलाधिकारी चैबट्टाखाल मनीष सिंह, पौड़ी अंशुल सिंह, उप परियोजना निदेशक यू.डी.डब्लू.डी.पी. ग्राम्या-2 डाॅ. डी.एस. रावत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एस.के.सिंह बत्र्वाल, मुख्य कृषि अधिकारी डी.एस. राणा, बीडीओ एकेश्वर सुमन रावत, फार्मेसिस्ट पौखड़ा डाॅ. सुशील कुमार सहित नवनिर्वाचित क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि, पशुपालक, पत्रकार बन्धु एवं आम जन मानस मौजूद थे।

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