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88वे अखिल भारतीय स्वामी श्रद्धानंद हॉकी टूर्नामेंट के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा à¤


88वे अखिल भारतीय स्वामी श्रद्धानंद हॉकी टूर्नामेंट के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गुरुकुल का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए अद्भुत कार्य किया है इस संस्थान ने हजारों महापुरुषों को आजादी के लिए तैयार किया है, देश ही नही दुनिया में वेद, संस्कृत, पत्रकारिता और खेल के क्षेत्र मे इस संस्था का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ भारत

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के 88वे अखिल भारतीय स्वामी श्रद्धानंद हॉकी टूर्नामेंट के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गुरुकुल का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए अद्भुत कार्य किया है इस संस्थान ने हजारों महापुरुषों को आजादी के लिए तैयार किया है, देश ही नही दुनिया में वेद, संस्कृत, पत्रकारिता और खेल के क्षेत्र मे इस संस्था का उल्लेखनीय योगदान रहा है। स्वामी दयानंद सरस्वती नें देश की आजादी की अलख सबसे पहले जगाई थी । अंग्रेज़ो के खिलाफ क्रांतिकारी आंदोलन मे आर्य समाज के लोगों के योगदान को भूला नही जा सकता। उन्होने युवा विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत का उज्ज्वल भविष्य अब आपके हाथों मे हैं। देश करवट बदल रहा है और देश मे एक सकारात्मक क्रान्ति का दौर चल रहा है। देश मे बदलाव का कोई भी क्रान्ति युवाओं की भागीदारी के बिना सम्भव नही है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि छात्रों को सकारात्मक राजनीति मे अवश्य भाग लेना चाहिए तभी राजनीति में अच्छे लोग आएंगे। कुलाधिपति डॉ. सत्य पाल सिंह ने कहा कि गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक संस्था हैं। यह किसी भारतीय द्वारा स्थापित भारत का पहला विश्वविद्यालय है। गांधी जी पहली बार महात्मा का सम्बोधन स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा दिया गया था। उन्होने कहा कि भारत ही नही सम्पूर्ण विश्व में गुरुकुल काँगड़ी वैदिक शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र रहा है। उन्होने गुरुकुल की प्रतिष्ठा को पुन: स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारी और शिक्षकों को मिलकर काम करना चाहिए । उन्होने कहा कि किसी की भी अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होने कहा गुरुकुल का एक वैभवशाली इतिहास रहा है आजादी की लड़ाई में गुरुकुल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि गुरुकुल की स्थापना वैदिक शिक्षा दर्शन को सम्पूर्ण विश्व में प्राण प्रतिष्ठित करने के लिए हुई थी. वैदिक चिन्तन की महत्ता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व में शान्ति केवल वेदों के माध्यम से स्थापित की जा सकती है| विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वामी श्रद्धानन्द महाराज जी का 93वाँ बलिदान दिवस मना रहे है। इस बलिदान दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा0 सत्यपाल सिंह के निर्देशन में विश्वविद्यालय उन्नति की ओर बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय का गोरवमयी इतिहास रहा है और इस इतिहास को पुनः स्थापित करना हमारा पुनित कर्तव्य है। स्वामी सम्पूर्णानन्द महाराज ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी के किए हुए कार्यो को आगे बढ़ाना चाहिए। स्वामी जी ने सबसे बड़ा काम यह किया था कि छुआछूत को दूर करने के लिए यज्ञ में वेद मंत्रों के द्वारा उन्हें आर्य बना दिया जाता था। वेद हमारे लिए सेक्यूलर है इसके अलावा और कुछ नहीं।

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