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प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, कलकत्ता की नर्सेस व डायटीशियन हैं प्रतिभागी


व्याख्यानमाला में विशेषज्ञों ने प्रतिभागी स्वास्थ्य कर्मियों व नर्सेस को इस डायबिटीज़ (मधुमेंह) की रोकथाम व नियंत्रित करने के गुर सिखाए, कहा गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ मधुमेह से ग्रसित मरीजों की देखरेख व बीमारी के नियंत्रण में मिलेगा।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

एम्स,ऋषिकेश में छठा डायबिटिज एजुकेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम विधिवत शुरू हो गया। इस अवसर पर आयोजित व्याख्यानमाला में विशेषज्ञों ने प्रतिभागी स्वास्थ्य कर्मियों व नर्सेस को इस डायबिटीज़ (मधुमेंह) की रोकथाम व नियंत्रित करने के गुर सिखाए, कहा गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ मधुमेह से ग्रसित मरीजों की देखरेख व बीमारी के नियंत्रण में मिलेगा। सोमवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन व कॉलेज ऑफ नर्सिंग के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम का डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर जया चतुर्वेदी व चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसके मित्तल ने संयुक्तरूप से उद्घाटन किया। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने कहा कि विश्व के देशों में मधुमेह से ग्रसित मरीजों में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान होना अत्यधिक चिंताजनक है। लिहाजा इस बीमारी पर नियंत्रण नियमित दवा व नर्सेस द्वारा मरीजों को दी जाने वाली हिदायतों के द्वारा किया जा सकता है। वशर्ते कि इसके लिए मरीज को इसके लिए जागरुक होना होगा, तभी इससे होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।

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