गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग व स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग व स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इस अवसर पर तम्बाकू का सेवन करने से होने वाले हानिकारक प्रभाव एवं स्वस्थ जीवन शैली पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर उपस्थित लोगो को जागरूक किया गया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष व डीन छात्र कल्याण प्रो. अरुण कुमार ने कहा की किसी भी प्रकार का नशा हमारे जीवन को तो बर्बाद करता ही है वही इसके दुष्प्रभाव का असर हमारे परिवार पर भी पड़ता है। इसलिए हमें जीवन में किसी प्रकार के नशे की लत से दूर रहना चाहिए। साथ ही अपने आस पास रहने वाले लोगो को भी नशे के दुष्प्रभावों से होने वाले नुकसान से अवगत कराते हुए इसकी लत से दूर रहने के लिए सचेत करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. प्रभात कुमार ने छात्रों से अपील की कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी छात्र समाज में तम्बाकू के दुष्प्रभाव संबंधी जानकारी को साझा करगें। डीन छात्र कल्याण, प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि किसी सामुदायिक बुराई को दूर करने में रोकथाम ही इलाज से बेहतर होता है। छात्र अक्सर अपने मित्र-मंडली में अपने विशेष पौरूष प्रभाव को दिखाने के लिए इस प्रकार के व्यसनों में अक्सर लिप्त हो जाते हैं जो कि उनके स्वास्थ्य एवं भविष्य को बहुत ही नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. सुनील राणा, जिला कंसलटेंट ने पी.पी.टी. के माध्यम से तम्बाकू के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विभिन्न दुष्प्रभावों से उत्पन्न अनेकों रोगों जैसे कैंसर, हाइपरटेंसन, कार्डियोवेसकुलर रोग, फेफड़ों, यकृत, पेट, मुह आदि के साथ-साथ लोगों में तेजी से बढ़ रही नपुसंकता में तम्बाकू के दुष्प्रभाव के योगदान के प्रति भी जागरूकता उत्पन्न की। साथ ही तम्बाकू के सेवन एवं बिक्री की रोकथाम संबंधी विभिन्न संवैधानिक धाराओं का परिचय देकर सभी को उनके द्वारा मिलने वाली कानूनी सजा के प्रावधानों से अवगत कराया। व्याख्यान के अंत में डा. राणा ने छात्रों के लिए एक क्विज भी आयोजित किया और उसमें विजयी प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान करके जागरूकता अभियान को सफल बनाया। इस कार्यक्रम में प्रो. कर्मजीत भाटिया, प्रो. देवेन्द्र गुप्ता, डा. बबलू, डा. मनोज कुमार चौहान, डा. दीपक सिंह, डा. नवीन पंत, डॉ. विक्रम, डा. अनुज, डा. दिलीप कुशवाहा, डा. विपुल भट्ट, डा. विपिन बालियान, डॉ. हिमांशु पंडित, डॉ. राजुल भारद्वाज एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र उपस्थित रहे।