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‘भेड़ू कू तमाशू‘ जैसी परंपरा के जरिए अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखा हैै


कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि है कि मेले हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के जीवंत प्रतीक हैं और उत्तरकाशी जिले के सुदूर डांडी-कमद क्षेत्र के लोगों ने अपनी ‘भेड़ू कू तमाशू‘ जैसी परंपरा के जरिए अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखा हैै वह सराहनीय और अनुकरणीय है।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ठांडी/उत्तरकाशी, 05 सितंबर 2024 कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि है कि मेले हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के जीवंत प्रतीक हैं और उत्तरकाशी जिले के सुदूर डांडी-कमद क्षेत्र के लोगों ने अपनी ‘भेड़ू कू तमाशू‘ जैसी परंपरा के जरिए अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखा हैै वह सराहनीय और अनुकरणीय है। प्रदेश के पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन,गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल, कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा गाजणा क्षेत्र के दूरस्थ ठांडी गांव में आयोजित पशुपालन की समृद्ध पंरपरा एवं संस्कृति से जुड़े ‘भेड़ू कू तमाशू‘ मेले के त्रैवार्षिक आयोजन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। श्री बुहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड को देश का अग्रणी विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्धता से काम काम रही है। राज्यवासियों की सुख-शांति और समृद्धि सरकार के द्वारा ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास व रोजगार सृजन के मोर्चों पर सरकार ने अभूतपूर्व काम किए हैं। पशुपालन जैसे परंपरागत क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ताकि गांवों को खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। श्री बहुगुणा ने कहा कि भेड़-बकरी पालन को बढावा देने के लिए सरकार के द्वारा गोट वैली योजना संचालित कर पांच बकरी खरीदने वाले लाभार्थी को सरकार के द्वारा दस बकरी एवं एक बकरा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह नस्ल सुधार के लिए आस्ट्रेलिया से आयातित नर मेरिनो भेड़ भेड़पालकों को 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को 90 प्रतिशत अनुदान पर दस-दस भेड़ उपलब्ध कराने की योजना चलाई जा रही है। इसी तरह के अनेक योजनाओं के जरिए भेड़-बकरी पालन के क्षेत्र में विद्यमान संभावनाओं को साकार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बहुगुणा ने कहा कि गाजणा पट्टी के ठांडी-कमद क्षेत्र में पशुपालन की समृद्ध परंपरा को सहेजने के साथ ही सांस्कृतिक विरासत को बचाकर रखा है। ऐसे प्रयासों को सरकार पूरा प्रोत्साहन व संरक्षण प्रदान करेगी।

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